बनारसियों को बाबा विश्वनाथ मंदिर की ओर से खास तोहफा मिलने जा रहा है. बनारस के स्थानीय लोगों के लिए बाबा विश्वनाथ में दर्शन करने के लिए एक अलग द्वारा की व्यवस्था की जाएगी. इस फैसले से बनारस के लोगों को बाबा के दर्शन के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा.
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सावन की शुरुआत से पहले हो सकती है व्यवस्था
बता दें की 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने वाला है और बाबा की नगरी काशी में दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं. मंदिर प्रशासन के अनुसार बाबा विश्वनाथ दर्शन के लिए सावन से पहले से यह व्यवस्था शुरू की जाएगी. इस व्यवस्था को लागू करने से सावन महीने के पवित्र अवसर पर काशी वासियों को बाबा के दर्शन करने की इच्छा पूरी हो सकेगी.
लाखों की संख्या में आ रहे हैं लोग
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से ही बाबा के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में दर्शनार्थी, देश-विदेश से दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. जिससे मंदिर में दर्शन करने के लिए 4-10 घंटे तक का समय लग जाता है.
लंबे समय से उठ रही थी मांग
बड़ी संख्या में लोगों के आने से बनारस में रहने वाले लोगों को बाबा के दर्शन के लिए घंटा लाइन में लगना पड़ता था. कई बनारसी ऐसे भी हैं जो सालों से बाबा के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते रहे हैं. ऐसे में लंबी लाईल और भारी भीड़ के कारण उन्हें दर्शन करने में घंटों लग जाते हैं. इसके चलते काशी के लोग लंबे समय से बाबा के दर्शन के लिए अलग व्यवस्था की मांग कर रहे थे. जिला और महानगर कांग्रेस कमेटी ने पिछले दिनों इसके लिए आंदोलन किया था. डीएम समेत प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर महाकालेश्वर मंदिर की तरह स्थानीय लोगों के दर्शन की व्यवस्था अलग से करने की मांग की थी.
सावन में बाबा विश्वनाथ का दर्शन हो सकता है महंगा
जानकारी के अनुसार मंदिर प्रबंधन की ओर से सावन में दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट की दर को रिवाइज करने की तैयारी चल रही है. इसके कारण 20 जुलाई के बाद से आगे के टिकट के बुकिंग नहीं हो रही है. रेट तय होने के बाद रिवाइज्ड रेट के अनुसार टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. बता दें कि जुलाई में कई दिनों मंगला आरती के लिए बुकिंग फुल है. वही सुगम दर्शन के लिए हर घंटे के स्लाट में 700 टिकटों की बुकिंग हो रही है, लेकिन 21 जुलाई से टिकट बुकिंग बंद होने के कारण श्रद्धालु टिकट बुक नहीं कर पा रहे हैं. मंदिर प्रशासन ने सावन में टिकटों के दाम में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है. न्यास से सहमति मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकता है.