‘घूंघट’ छाप विज्ञापन पर फंसी खट्टर सरकार

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हरियाणा का खट्टर सरकार इन अपने एक विज्ञापन को लेकर विवादों में घिर गई है। दरअसल  हरियाणा सरकार की मासिक पत्रिका हरियाणा संवाद के अंक में छपा घूंघट में ढकी एक महिला का फोटो सरकार के लिए मुसीबत बन गया है।  दरअसल हरियाणा संवाद के लेटेस्ट एडिशन के मुख्य पेज पर घूंघट में खड़ी एक महिला की तस्वीर छपी है। जिसमें महिला चारा लेकर जा रही है। इस फोटो के कैप्शन में ‘घूंघट की आन-बान, म्‍हारे हरियाणा की पहचान’ लिखा है। हरियाणा सरकार के इस विज्ञापन पर विवाद पैदा हो गया है। इस फोटो को लेकर हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं।

 हरियाणा संवाद के लेटेस्ट एडिशन में विवादित विज्ञापन

महिला अधिकारों और महिलाओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली महिलाओं और संगठनों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए “घूंघट हरियाणा की शान” स्लोगन को बिलकुल गलत ठहराया है। महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा दे रही है वहीं दूसरी ओर नारी को घूंघट में रखना चाह रही है।

महिला संगठनों और विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

हरियाणा के जींद के बीबीपुर गांव जोकि “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” और “सेल्फी विद डॉक्टर” जैसे अभियानों के लिए जाना जाता है। वहां की महिलाओं का कहना है कि अगर उन्हें कल्पना चावला और सानिया मिर्जा बनना है तो वे कैसे घूंघट की आड़ में रहेंगी। जींद की नारी शक्ति का ये भी कहना है की खट्टर सरकार को इस स्लोगन को तुरंत वापस लेना चाहिए।

घूंघट प्रथा खत्म करवाने वाले सुनील जागलान ने की आलोचना

घूंघट प्रथा को अपने गांव में और आसपास के गांवो में खत्म करवाने के लिये सबला कार्यक्रम चलाने वाले जींद के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का कहना है की जिस विभाग के अधिकारियों ने ये स्लोगन दिया है,  उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।  सुनील के अनुसार एक ओर हरियाणा की बेटियां फेमिना मिस इण्डिया और डब्लूडब्लूई में अपना परचम लहरा रही हैं दूसरी ओर इस तरह के स्लोगन पीड़ादायक हैं।

खट्टर सरकार की कथनी और करनी में फर्क है- कांग्रेस

नारियों को घूंघट में रखने के सरकारी मैगजीन के स्लोगन को लेकर कांग्रेस ने भी हरियाणा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि एक ओर तो सरकार “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियान चलाने का दावा करके वाहवाही लूटने में लगी है और वहीं दूसरी ओर नारियों के घूंघट में छिपे रहने को अपनी शान बता कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का उदाहरण भी दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है और नारियों और उनकी हालत सुधारने को लेकर सरकार की क्या सोच है वो सरकार की इस मैगजीन पर लिखे स्लोगन ने साफ कर दिया है।

मंत्री कविता जैन और सरकारी अमले ने साधी चुप्पी

वहीं सरकार की किरकिरी होने के बाद इस मैगजीन को निकालने वाले पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट की मंत्री कविता जैन तो पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या हरियाणा सरकार घूंघट को हरियाणा की शान मानती है? और क्या सरकार घूंघट प्रथा को खत्म करने के पक्ष में नहीं है?

“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” स्लोगन का उड़ रहा मजाक

कई बार हरियाणा सरकार “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों और अपनी सरकार के वक्त प्रदेश में लड़कियों के सुधरे लिंगानुपात की दुहाई देकर अपनी कमर थपथपाती रहती है लेकिन असल में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के मन में महिलाओं के प्रति क्या सोच है वो इस सरकारी पत्रिका के मुखपत्र पर छपा विज्ञापन और घूंघट को शान बताने वाला सरकारी स्लोगन बयां कर रहा है।

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