पहले उठी बेटी की डोली और फिर मां की अर्थी
कानपुर शहर के घाटमपुर तहसील क्षेत्र के मुइया गांव में गुरुवार को बेटी के विवाह समारोह में द्वारचार के वक्त मां की मौत हो गई थी।
मां के शव रख बेटी की शादी की रस्में निभाई-
परिजनों ने रिश्तेदारों व गांव के लोगों के मशविरा करने के बाद बेटी की शादी को नहीं टालने का फैसला किया।
इसके बाद मां के शव को पंचायत भवन में सुरक्षित रखवा कर बेटी की शादी की रस्में निभाई।
शुक्रवार की सुबह बेटी की डोली उठाई और दोपहर में मां अर्थी।
एक ही दिन में डोली और अर्थी उठने के बाद घर दुल्हन के घर का माहौल गमगीन है।
अचानक हुई मौत-
मुइया गांव निवासी गुसाईं लाल प्रजापति गांव का चौकीदार है।
उसने बेटी मंजू की शादी कानपुर नगर के तिलसहरी गांव महाराजपुर के निवासी जीत कुमार प्रजापति के साथ तय की थी।
गुरुवार को मंजू की बारात आई थी।
रात में द्वारचार का कार्यक्रम चल रहा था।
उसी दौरान मंजू की मां शांती देवी (55) को अचानक जमीन पर गिर गईं थीं।
बाद में डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
शांति की मौत की खबर गुसाई व उसके परिवार के लोगों ने मंजू और अन्य रिश्तेदारों को नहीं दी।
दुल्हन की विदाई के बाद घर आया शव-
साथ ही कुछ रिश्तेदारों और गांव वालों ने गुसाई को समझा कर शांति को शव गांव के पंचायत भवन के बरामदे में रखवा दिया।
इसके बाद पूरी रात मंजू की शादी की रस्में चलती रहीं।
गांव के ओम नरायन तिवारी, छेदा लाल प्रजापति, विपिन तिवारी, मेवालाल, कल्लू मिश्रा और रामप्रसाद ने अपनी देखरेख में विधि विधान से शादी की रस्म पूरी कराई।
इसके बाद शुक्रवार की सुबह लगभग नौ बजे मंजू को विदा कर दिया।
इसके बाद शांति का शव घर लाया गया।
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