क्या आपको पता है जर्मनी में कैसे फैला कोरोना?
जर्मनी ने पता लगाया कोरोना वायरस के फैलने का शुरुआती संक्रमण की चेन
जर्मनी Germany के वैज्ञानिकों व रिसर्चरों ने पता लगा लिया है कि Germany में कोरोना वायरस के फैलने का कारण Salt की शीशी है। इससे जर्मनी में अनेक लोगों की जान बचाने में डाक्टर कामयाब हो गये।
डॉक्टरों ने इसके लिए बारीक टेस्टिंग की
डॉक्टरों ने इसके लिए बारीक टेस्टिंग की थी, जिसमें हर मिनट की जानकारी जमा की, जिससे कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिली।
चीनी महिला ने नमक की शीशी आगे बढ़ाई थी
ये मामला Germany के बावरिया में म्यूनिक के पास की नगरपालिका स्टॉकडोर्फ का है, जहां वेबस्टो कंपनी में कोरोना फैला।
एक चीनी महिला को कोरोना वायरस हुआ था और फिर उसी से यह वायरस वेबस्टो के हेडक्वार्टर पहुंचा।
एक कर्मचारी ने दूसरे को नमक की शीशी दी
इस तरह से टेस्टिंग (coronavirus chain tracking) करने के बाद उन्हें ये भी पता चला कि कैंटीन में जब एक कर्मचारी ने दूसरे को नमक की शीशी दी, तो उसके जरिए कभी कोरोना वायरस ट्रांसफर हो गया। ये सब सिर्फ इसलिए मुमकिन हो सका, क्योंकि इस मामले में हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा गया, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को पूरी चेन का पता चल सका।
स्टॉकडोर्फ की आबादी करीब 4000
ये मामला Germany के बावरिया में म्यूनिक के पास की नगरपालिका स्टॉकडोर्फ का है। स्टॉकडोर्फ की आबादी करीब 4000 की है। यहां रहने वाले ही कुछ लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए, जो वेबस्टो ग्रुप नाम की कार के पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं। इस कंपनी पर दुनिया का ध्यान तब खिंच, जब लोगों को पता चला कि एक चीनी महिला को कोरोना वायरस हुआ था और फिर उसी से यह वायरस वेबस्टो के Germany हेडक्वार्टर पहुंचा। वहां पर यह एक शख्स से दूसरे को होता गया, जिसमें कैंटीन में खाना खाने वाले भी शामिल थे, जिनका मरीज से सीधे कोई संपर्क भी नहीं था।
इस केस की सफलता ने बहुत लोगों की जान बचाई
मामला इतनी तेज बढ़ा कि वैज्ञानिकों को इसमें अपने हाथ डालने पड़े और उन्होंने एक बारीक टेस्टिंग स्टार्ट की, संक्रमित लोगों को आइसोलेट करना शुरू कर दिया और इस बात की भी जांच शुरू कर दी गई ये कैसे फैला।
लॉकडाउन की भी ली गई मदद
म्यूनिक में एक मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर क्लेमेंस वेंडनर ने कहा कि इस चेन को तोड़ने के लिए जरूरी था कि इस संक्रमण के फैलने की बारीक टेस्टिंग की जाए। वेंडनर ने Germany के कुछ बड़े वैज्ञानिकों के साथ एक टीम बनाई, ताकि उस संक्रमण की चेन से निपटा जा सके, जिसके चलते ‘म्यूनिक क्लस्टर’ बन चुका था। बावरिया सरकार को इस टीम में सुझाव दिए और कई जगहों को लॉकडाउन किया गया। 22 मार्च को तो पूरे जर्मनी में ही लॉकडाउन कर दिया गया।
शंघाई की महिला से फैला कोरोना
इस मामले में 27 जनवरी को वेबस्टो कंपनी के सीईओ होल्गर इंगलमैन ने अथॉरिटीज को बताया कि उनकी एक कर्मचारी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई है। वह महिला शंघाई की रहने वाली थी, जिसने कुछ दिन पहले ही वेबस्टो हेडक्वार्टर में एक वर्कशॉप और एक मीटिंग में हिस्सा लिया था।
वुहान में रहते हैं महिला के माता-पिता
बाद में संक्रमण का पता लगाने के दौरान ये पता चला कि महिला के माता-पिता वुहान में रहते हैं, जो महिला के वेबस्टो आने से पहले मिलने के लिए उसके घर गए थे। जर्मनी में महिला को सीने और पीठ में हल्का दर्द रहा और वह पूरे वक्त थका-थका महसूस करती रहीं, लेकिन उनमें लक्षण बाद में दिखे। चीन वापस आने के दौरान महिला में कुछ लक्षण दिखे। लैंडिंग के बाद टेस्टिंग हुई तो पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। बाद में पता चला कि उनके माता-पिता भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन सबकी जानकारी बाद में महिला ने अपने मैनेजर और कंपनी की सीईओ को दी।
अब शंघाई की वह महिला जर्मनी का ‘केस#0’ कही जाती हैं।
Germany में करीब 1.20 लाख लोग संक्रमित
बता दें कि अब तक कोरोना वायरस से Germany में करीब 1.20 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और 2600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं करीब 52 हजार लोग सही भी हो चुके हैं। संक्रमण के मामले में जर्मनी दुनिया में चौथे नंबर पर है, जबकि सबसे बुरी हालत अमेरिका की है, जहां पर 4.60 लाख से भी अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
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