कभी 6 हजार में करती थीं नौकरी आज कमा रही हैं 25 लाख महीना

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इंसान के मन में अगर दृढ़ इच्छाशक्ति है तो ऐसा कोई सपना नहीं है जो पूरा न हो। ऐसी कोई मंजिल नहीं है जहां पहुंचने का इंसान रास्ता न बना सके। बस जरुरत होती है तो उस सपने को पूरा करने का जुनून और जज्बा। कहते हैं मंदिल सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलती है जिनको सपनों में उड़ान और हौसले में जान होती है।

सपने को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्षों की एक बहुत बड़ी कहानी लिखनी पड़ती है। जब तक आप कड़ी मेहनत नहीं करते हैं आपके सपनों को उड़ान नहीं मिलेगी। अपने सपनों को पूरा करने के साथ ही आपको एक बात और याद रखनी होगी कि आप की पहली सफलता आपकी मेहनत को नहीं बताएगी।

क्योंकि आपकी पहली सफलता लोगों के दिमाग में सिर्फ एक बात लाती है कि ये उसके मेहनत का नहीं बल्कि किस्मत का फल है जो उसे इतना सफल बना दिया है। इसलिए आप अपनी पहली सफलता पाकर वहीं रुक मत जाइए।

6 हजार रुपए में शुरू की नौकरी

कुछ ऐसी ही कहानी है हमारी इस शख्सियत की जिसने अपनी पहली नौकरी मात्र 6 हजार रुपए से शुरू की थी लेकिन आज 25 लाख रुपए महीने कमा रही हैं। हम बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के की राजधानी लखनऊ की रहने वाली गरिमा मिश्रा की। जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर संघर्षों से लड़ते हुए एक नई इबारत लिखी है।

मिडिल क्लास फैमिली से हैं गरिमा

गरिमा कहती है कि वो एक मघ्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है जहां पर सीमित संसाधन ही होते हैं और किसी भी बड़े काम को करने के लिए आप को खुद ही आगे आकर मुश्किलों से लडाई लड़ना होता है। गरिमा आगे बताती है कि उनकी पढ़ाई पूरी होने के बाद उनके माता-पिता उनकी शादी कर देना चाहते थे, लेकिन गरिमा को शादी के बंधन में बंधकर अपने सपनों का गला नहीं घोटना था इसलिए उन्होंने शादी करने से मना कर दिया और निकल पड़ी अपने सपनों को पूरा करने के लिए।

2010 में शुरू किया अपना काम

गरिमा(Garima Mishra) शुरू से ही एक इंटीरियर डिजाइनर बनना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने सहारा के साथ साल 2007 में उन्होंने महज 6 हजार रुपए की नौकरी के साथ पहला कदम बढ़ा दिया। नौकरी से मिलने वाले पैसों से गरिमा ने इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स करने के लिए एडमिशन ले लिया।

शुरूआत में नहीं मिला काम

करीब तीन साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद गरिमा ने साल 2010 में नौकरी को अलविदा कह दिया। नौकरी छोड़ने के बाद गरिमा(Garima Mishra) ने एक आर्किटेक्ट के साथ काम शुरू किया। जहां से उन्हें लोगों के साथ जुड़ने का मौका मिला। यहां पर उन्होंने पैसे इक्ट्टा किए और कुद का काम शुरू कर दिया।

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गरिमा आगे बताती है कि जहां भी कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा होता था वहां वो खुद जाती थी और काम तलाश करती थीं। इस तरह से काफी समय गुजर गया लेकिन काम नहीं मिल रहा था लेकिन गरिमा हार नहीं मानी। आखिरकार वो समय आ गया जब गरिमा(Garima Mishra) को पहला काम मिला और उस काम को जमकर तारीफ मिली। इसी के साथ ही उन्हें इस काम से 10 हजार रुपए मिले। गरिमा बताती है कि इसके बाद उन्होंने कभी पीचे मुड़कर नहीं देखा और आज ये समय आ गया है कि लोग मुझे साइट दिकाने के भी पैसे देते हैं।

गरिमा(Garima Mishra) बताती है कि पहले वो साइट्स पर किराए की गाड़ी से जाती थी लेकिन अब उनके पास खुद की कार है और अब वो महीने का 25 लाख और कभी-कभी उससे ज्यादा भी कमा लेती हैं। गरिमा उन महिलाओं के लिए मिसाल हैं जो अपनी कमियों के आगे हार मान लेती हैं।

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