वाराणसी में तीसरी बार बढ़ा गंगा का जलस्तर, नाव संचालन बंद

महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियों पर हो रहा दाह संस्कार

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पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिसके कारण काशी में भी तीसरी बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है. गंगा 1 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं. पानी बढने से गंगा के आसपास रहने वाले लोगों की धड़कनें तेज होने लगी हैं. बता दें कि गंगा का जलस्तर जब ज्यादा बढ़ता है तो रिहायशी इलाकों में गंगा का पानी पहुंच जाता है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ जाती हैं. आवागमन में भी काफी दिक्कतें होने लगती हैं. वहीं अगर बात करें काशी आने वाले पर्यटकों की तो अब पर्यटक नाव नहीं चलने से और घाटों का संपर्क टूट जाने के कारण मायूस हो कर लौट जा रहे हैं क्योंकि वह एक घाट से दूसरे घाट तक नहीं जा पा रहे. घाटों का आपसी संपर्क टूटा हुआ है. फिलहाल अभी तक मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर सीढ़ियों पर ही शवदाह हो रहा है. सीढ़ियों पर शवदाह होने से लोगों को समस्याएं होने लगी हैं.

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84 घाटों का टूटा संपर्क

गंगा के जलस्त र में वृद्धि के चलते बनारस के 84 घाटों का संपर्क टूट गया है. दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट पर पर शुक्रवार को भी ऊपर ही गंगा आरती सम्पन्न कराई गई. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे 63.95 मीटर पर आ गया है. हालांकि पिछले दिनों पहाड़ पर बारिश के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने तटीय इलाकों में अलर्ट बरकरार रखा है. आज तेज हवाओं के साथ गंगा की लहरों में तूफान है इसकी वजह से नौका संचालन भी नहीं हो पा रहा है. नाविक ने बताया कि गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे आज 1 फीट तक बढ़ गया है जिसके कारण हम लोग नाव का संचालन रोक दिए हैं. उन्होंने बताया कि आज गंगा का जलस्तर भी बढा है और भारी बारिश होने की संभावना भी जताई गई है. इसके साथ ही तेज हवा चल रही है जिसमें नाव नहीं चलाया जा सकता. जल पुलिस ने भी नाव चलाने पर रोक लगा दी है तथा अपील की है कि कोई भी नाव ना चलाएं नाव चलाने से दुर्घटनाएं होने की संभावना है.

कई मंदिर जलमग्न

घाट किनारे स्थित 50 से अधिक छोटे और बड़े मंदिर हैं जो पानी में जलमग्न हो चुके हैं. वहीं घाट किनारे रहने वाले पंडा पुरोहितों को भी दिक्कत हो रही हैं. उनका कहना है कि मां गंगा तीसरी बार उफान पर हैं. इस वजह से अब हमें अपने चौकिया को फिर बदलना पड़ेगा, लेकिन अभी भी घाट किनारे स्थित मंदिर में पानी भरा है जिससे सांकेतिक पूजा पाठ की जा रही है. बता दें कि अभी भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के कारण जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम अलर्ट है. नाविकों को छोटे और बड़ी नाव न चलाने की हिदायत दी गई हैं. नाविकों का कहना है की गंगा का जलस्तर बढ़ने पर हमें अपने नाव पर निगरानी रहनी होती है और उसे आगे पीछे बार-बार करना पड़ाता है.

ऐसे बढ़ता-घटता रहा जलस्तर

27 जुलाई 61.55 मीटर
28 जुलाई 61.74 मीटर
29 जुलाई 62.60 मीटर
30 जुलाई 63.88 मीटर
31 जुलाई 64.02 मीटर
1 अगस्त 63.93 मीटर
2 अगस्त 63.75 मीटर
3 अगस्त 63.95 मीटर

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