ब्रिटेन के भारतीय उद्योगपति करेंगे गंगा की रक्षा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी ने ब्रिटेन की कंपनियों से स्वच्छ गंगा अभियान में हिस्सा लेने का आह्वान किया है। गडकरी ने कहा कि वह इस दौरे में नदी पुनरुद्धार से जुडे़ ब्रिटेन के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठकें करने वाले हैं। मंत्री ने यहां इंडियन जर्नलिस्ट्स असोसिएशन के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे पास गंगा सफाई से जुड़ी परियोजना के लिए काफी अच्छी योजना है, जिसके तहत 15 साल के रख-रखाव के आधार पर परियोजनाएं दी जा रही हैं।
निविदा भी मार्च 2018 के अंत तक शुरू हो जाएंगी
इनमें पौधारोपन परियोजना से लेकर प्रदूषण रोधी उपाय शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास गंगा एवं उसकी 20 सहयोगी नदियों के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ काफी अच्छी योजना है। हमारा विचार गंगा के साथ भावनात्मक जुड़ाव वाली विभिन्न कंपनियों को जिम्मेदारियां देनी है। गडकरी ने कहा कि नमामि गंगे से जुड़ी 95 परियोजनाओं में से 25 पर काम शुरू हो चुका है। शेष परियोजनाओं की निविदा भी मार्च 2018 के अंत तक शुरू हो जाएंगी।
also read : भारत की प्रगति में महिलाओं के योगदान को मोदी ने कुछ यूं किया याद
इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु में पानी की कमी का संकट दूर करने को लेकर गोदावरी नदी का अतिरिक्त पानी इस्लेमाल में लाने के लिए नदी जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी काम जारी है। गडकरी ने बताया कि वेदांता के अनिल अग्रवाल ने पटना रिवरफ्रंट को गोद लिया है। वहीं फॉरसाइ ग्रुप के रवि मेहरोत्रा को कानपुर के रिवरफ्रंट की देखरेख के लिए ऑफर किया गया है।
पर्यावरण के लिहाज से संरक्षित करने का काम करेंगे
गडकरी ने बताया कि भारत सरकार ब्रिटेन के भारतीय उद्योगपतियों के साथ मिलकर भारत की सबसे लंबी नदी के फैलाव संरक्षित करने की इच्छुक है। इस योजना के तहत ये उद्योगपति 15 सालों तक नदि किनारों की देखभाल का जिम्मा उठाएंगे और इसे पर्यावरण के लिहाज से संरक्षित करने का काम करेंगे। गडकरी ने इस कार्यक्रम के दौरान ब्रिटेन के परिवहन मंत्री क्रिस ग्रेलिंग के साथ अनौपचारिक बातचीत भी की। गडकरी ने बताया वह लंदन में चलने वाले रेड डबल डेकर बसों को भारत में उतारने के इच्छुक हैं, जो पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल हैं।
(साभार- एनबीटी)