मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 250 करोड़ रुपये के एक शुरुआती योगदान के साथ एक पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट Fund (पीआईडीएफ) बनाने की घोषणा की। इस Fund से टीयर-3 से लेकर टीयर-6 तक के केंद्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में कारोबारियों को पॉइंट्स ऑफ सेल (पीओएस) मशीन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पीओएस से लेंगे भुगतान
पीओएस मशीनों के जरिए कारोबारी डिजिटल तरीके से भुगतान स्वीकार सकते हैं। इससे उन्हें नकदी के साथ सौदा करने की जरूरत नहीं रहती, जिससे जोखिम भी नहीं उठाना पड़ता।
पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक देश में ई-भुगतान प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है।
भुगतान के कई विकल्प विकसित
आरबीआई ने एक बयान में कहा, पिछले वर्षों के दौरान देश में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र बैंक खातों, मोबाइल फोन, कार्ड आदि जैसे कई विकल्पों के साथ विकसित हुआ है।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि भुगतान प्रणाली के डिजिटीकरण को और बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में एक्सेप्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है। खासकर पिछड़े क्षेत्रों में इसे बढ़ावा देने की और भी ज्यादा जरूरत है।
250 करोड़ के साथ Fund शुरू होगा
भारतीय रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक, वह 250 करोड़ रुपये के शुरुआती योगदान के साथ इस Fund को शुरू करेगा। बाकी आधी राशि देश में काम कर रहे कार्ड इशुइंग बैंक और कार्ड नेटवर्क लगाएंगे।
रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक, परिचालन खर्चों को पूरा करने के लिए पीआईडीएफ को कार्ड जारी करने वाले बैंकों और कार्ड नेटवर्क से नियमित अंतराल पर अन्य नकदी योगदान भी मिलता रहेगा।
पूंजी की कमी होगी पूरी
बयान में कहा गया, आरबीआई जरूरत पड़ने पर सालाना आधार पर पूंजी में होने वाली कमी को भी Fund से पूरा करता रहेगा। पीआईडीएफ आरबीआई के पर्यवेक्षण के तहत काम करेगा। इसका परिचालन एक एडवाइजरी काउंसिल करेगी।
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