फ्रांसीसी नागरिक को काशी में मिला मोक्ष, महाश्मशान में हुआ अंतिम संस्कार

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मोक्ष की नगरी काशी में आए फ्रांसीसी नागरिक मिचेल का शनिवार की रात महाश्मशान हरिश्चंद्र घाट पर हिंदू रीति-रिवाज के साथ विधि विधान से अंतिम संस्कार हुआ . मिचेल की यह अंतिम इच्छा थी और वह यहां मोक्ष की कामना से आए थे . लेकिन उनका क्रिया कर्म उनके परिवारवालों ने नहीं बल्कि काशी में दीन-दुखियों की सेवा करने वाले अमन कबीर ने किया . बेटे का धर्म उसी ने निभाया और मुखाग्नि दी .

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पुस्तकों में काशी की महत्व से प्रभावित होकर आए थे काशी

पुस्तकों में काशी के आध्यात्मिक व पैराणिक महत्व और मोक्ष मिलने की बात पढ़कर वाराणसी पहंचे फ्रांसीसी नागरिक मिचेल दशाश्वमेध थानाक्षेत्र की एक लॉज में रुके थे . वह कैंसर से पीड़ित थे . मिचेल की तबियत खराब हुई तो पुलिस को सूचना दी गई . पुलिस ने उन्हें कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया . यहां पता चला कि मिचेल मोक्ष की कामना से काशी आए हैं . स्थिति में सुधार के बाद उन्हें घर आश्रम में रखवाने की कोशिश हुई . मगर अपना घर आश्रम वालों ने बिना एम्बेसी की अनुमति के उन्हें रखने से मना कर दिया . इसपर एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अवधेश पांडेय ने पहल की। एम्बेसी से बात करने के बाद मिचेल को अपना घर आश्रम में रखा जा सका . यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली . बेटे का धर्म निभानेवाले अमन कबीर ने बताया कि धनतेरस के दिन मिचेल ने शरीर त्याग दिया . इसके बाद उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप काशी में दाह संस्कार की तैयारी की गई . अमन और पुलिस अधिकारियों ने अधिकारियों और एम्बेसी से सम्पर्क किया . एम्बेसी ने मिचेल के परिवारवालों से बात की . परिजनों की सहमति के बाद एम्बेसी ने मिचेल की अंतिम इच्छा के अनुरूप अंतिम संस्कार की अनुमति दे दी . शनिवार को साथियों के साथ मिलकर हरिश्चंद्र घाट पर मिचेल का विधि विधान से दाह संस्कार कराया गया .

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