फ्रांस में बढ़े तनाव के बाद सरकार लगा सकती है इमरजेंसी
फ्रांस इन दिनों दशक की सबसे खतरनाक गृह अशांति से जूझ रहा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि शनिवार को कुछ युवाओं ने सेंट्रल पैरिस में कई वाहनों और बिल्डिंगों को आग के हवाले कर दिया। ऐसे में सरकार आपातकाल लागू करने पर विचार कर रही है।
बता दें कि पैरिस में महंगाई बढ़ने और पेट्रोल के दाम बढ़ने के खिलाफ पिछले 2 हफ्तों से प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन को ‘येलो वेस्ट’ का नाम भी दिया गया है। प्रदर्शनकारी पीले रंग की वेस्ट पहनकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन शनिवार को उस समय उग्र हो गया, जब इनमें से कुछ लोगों ने वाहनों और बिल्डिंगों में आग लगानी शुरू कर दी।
फ्रांस की पुलिस की ओर से शेयर किए जा रहे विडियो में कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस के वाहनों को निशान बनाते और उनके शीशे तोड़ते देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में जलती हुई कारें और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागते देखे जा सकते हैं।
पैरिस में प्रदर्शन कर रहे 288 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि लगभग 100 लोग घायल हो गए। खबरों के मुताबिक, पेट्रोल और पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों और हाइड्रोकार्बन टैक्स बढ़ाने के विरोध में बड़ी संख्या के लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।
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राष्ट्रपति मैक्रों प्रधानमंत्री के साथ करेंगे मीटिंग
इसे लेकर राष्ट्रपति मैक्रों प्रधानमंत्री और आंतरिक मामलों के मंत्री के साथ रविवार शाम को मीटिंग करने वाले हैं। इस मीटिंग में दंगाइयों से निपटने और प्रदर्शन करने वालों से बातचीत का रास्ता निकालने पर चर्चा होगी। परेशानी इस बात की है कि इन प्रदर्शनकारियों का कोई चेहरा नहीं है, जिससे सरकार बात कर सके।
फ्रांस के गृह मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार को हुआ प्रदर्शन तीसरे सप्ताह लगातार हुआ इस तरह का प्रदर्शन है। इसमें अनुमानित रूप से 36,500 लोगों ने हिस्सा लिया। बीते सप्ताह हुए एक और प्रदर्शन में 53,000 लोगों ने हिस्सा लिया था जबकि उसके एक सप्ताह पहले हुए प्रदर्शन में लगभग 113,000 लोग शामिल हुए थे। गृह मंत्री क्रिस्टोफ कैस्टनर ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि 1,500 उपद्रवी शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लगभग 200 लोगों के समूह में घुस गए और चैम्पस एलिसीस के पास उग्र हो गए।