Varanasi लोस से ताल ठोकेंगे सपा के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल
समाजवादी पार्टी ने जारी की प्रत्याशियों की तीसरी सूची, इंडिया गठबंधन में दरार की अटकलें तेज
लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वाराणसी में पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल को लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया है. पीडीए के फार्मूले पर आगे बढ़ रही सपा ने कुर्मी बाहुल्य सीटों का समीकरण साधने का प्रयास किया है. सपा की इस तीसरी सूची के बाद यूपी में इंडिया गठबंधन में बिखराव की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
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बता दें कि इससे पहले सेवापुरी के पूर्व विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र पटेल को वाराणसी लोकसभा प्रभारी बनाया गया था. उम्मीदवारों के नामों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को बदायूं सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. सूची के मुताबिक, कैराना से इकरा हसन, बदायूं से शिवपाल सिंह यादव, बरेली से प्रवीण सिंह ऐरन, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत और वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
धर्मेंद्र यादव की जगह अब शिवपाल यादव बने उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि शिवपाल सिंह यादव को पूर्व में घोषित धर्मेंद्र यादव के स्थान पर बदायूं से टिकट दिया गया है. शिवपाल इस वक्त जसवंतनगर सीट से सपा के विधायक हैं. चौधरी ने बताया कि पार्टी अब तक 31 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. सपा ने इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर और 19 फरवरी को 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए थे. पहली सूची में बदायूं सीट पर घोषित उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को बदलकर अब शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. पार्टी ने पूर्व में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव लड़ चुके धर्मेंद्र यादव को इसी सीट का प्रभारी बनाया है. इसके अलावा महबूब अली को अमरोहा लोकसभा क्षेत्र का, रामअवतार सैनी को कन्नौज और मनोज चौधरी को बागपत लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया है.
बसपा सांसद अफजाल अंसारी को दिया टिकट
सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से 11 और उम्मीदवारों की घोषणा की थी प्रत्याशियों की सूची में गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजाल अंसारी का नाम भी शामिल है. दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि उनका गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र विधायिका में अपने वैध प्रतिनिधित्व से वंचित हो जाएगा, क्योंकि मौजूदा लोकसभा के शेष कार्यकाल को देखते हुए इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो सकता है.
बदायूं से ही शिवपाल सिंह यादव को टिकट क्यों?
बदायूं सीट से धर्मेंद्र यादव दो बार सांसद रह चुके हैं. पिछले चुनाव में वो संघमित्रा मौर्य से हार गए थे. धर्मेंद्र यादव को इस बार यहां से टिकट नहीं दिया गया है. सपा के इस फैसले को स्वामी प्रसाद मौर्य की घेराबंदी के तौर पर भी देख जा रहा है. संघमित्रा मौर्य बदायूं में डटी हुई हैं, वो इस सीट पर अपनी तैयारियों को धार दे रही हैं. बीजेपी ने हालांकि, अभी तक उनके नाम का एलान नहीं किया है लेकिन सिटिंग सांसद के तौर पर उनकी तैयारी जोरों पर है.
पिछले लोस चुनाव में वाराणसी में दूसरे नम्बर पर रही सपा
वाराणसी सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को पार्टी प्रत्याशी बनाती रही. कांग्रेस के लिए अमेठी-रायबरेली के बाद वाराणसी ऐसी सीट थीं जिसे किसी भी हाल में कांग्रेस जाने देना नही चाहती. अजय राय का वाराणसी गृह जनपद है और वह पिछले तीन चुनावों से लगातार यहां से प्रत्याशी रहे. ऐसे में सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ी दूरियों से इंडिया गठबंधन में गहरी दरार पड़ जाने की चर्चा तेज है. बीते 2019 लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी को तकरीबन 2 लाख वोट मिले थे और 18.47 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे नंबर रही.
सुरेंद्र पटेल के घर आये थे अखिलेश यादव
कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में सपा प्रत्याशियों की सूची जारी करने के दौरान सुरेंद्र सिंह पटेल को भी वाराणसी लोकसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया था. सुरेंद्र सिंह पटेल उत्तर प्रदेश में तीन बार मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह कृषि क्षेत्र से जुड़े होने के साथ जमीनी स्तर के नेता माने जाते हैं. उनके संयुक्त परिवार में भी सदस्यों की बड़ी संख्या है. वाराणसी के ही रहने वाले सुरेंद्र सिंह पटेल बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले बनारस से अगर चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर यह मुकाबला उनके लिए आसान नहीं होगा. गौरतलब है कि पिछले दिनों अखिलेश यादव पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल के राजातालाब स्थित आवास पर पहुंचे थे. वह सुरेंद्र पटेल के बेटे की शादी में शिरकत करने आए थे. बधाई देने के बाद मीडिया से बात की थी. जब अखिलेश यादव से पत्रकारों ने सुरेंद्र पटेल की तरफ इशारा कर के पूछा कि क्या आपने वाराणसी से इन्हें अपना सेनापति नियुक्त किया है तो अखिलेश ने खुल कर कहा कि हमने इन्हें सेनापति नियुक्त किया है इसलिए तो हमारे बगल में बैठे है.