देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने सुनील अरोड़ा
पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुनील अरोड़ा ने देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। अरोड़ा को ओपी रावत की जगह मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। ओपी रावत शनिवार को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए थे।
सुनील अरोड़ा देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त
बता दें कि सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। देश भर के विभिन्न वरिष्ठ पदों पर आसीन रहने के बावजूद वह कभी अपनी जड़ों को नहीं भूले। होशियारपुर में जन्मे और पले बढ़े अरोड़ा के पिता नसीब चंद अरोड़ा जालंधर में भारतीय रेलवे में अकाउंट्स अधिकारी थे और उनकी माता पुष्पलता होशियारपुर के डीएवी कॉलेज में इंग्लिश की प्रोफेसर थीं।
अरोड़ा ने अपनी स्कूलिंग होशियारपुर के विद्या मंदिर स्कूल और दयानंद मॉडल स्कूल से की और उसके बाद डीएवी से प्रेप पास की। इसके बाद सुनील अरोड़ा ने डीएवी कॉलेज होशियारपुर से अपनी ग्रेजुएशन की। अरोड़ा के अध्यापक और करीब 25 साल तक उनकी माता पुष्पलता के सहयोगी रहे डीएवी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डीएल आनंद ने बताया कि अरोड़ा का परिवार होशियारपुर के प्रेमगढ़ इलाके के एक मकान में रहा करता था।
अरोड़ा मेधावी छात्र थे
उनके चाचा प्रोफेसर आरसी अरोड़ा भी डीएवी कॉलेज में हिस्ट्री के प्रोफेसर थे। आनंद ने बताया कि अरोड़ा आईएएस अधिकारी बनने के बाद भी लगातार अपनी जड़ों से जुड़े रहे। उनकी माता पुष्पलता 1954 से 1989 तक डीएवी कालेज गर्ल्स सेक्शन की इंचार्ज रहीं। प्रिंसिपल आनंद ने बताया कि अरोड़ा मेधावी छात्र थे और पढ़ाई के अन्य गतिविधियों में भी आगे रहते थे।
अरोड़ा से जुड़े एक संस्मरण को याद करते हुए उन्होंने बताया कि 1972-73 में सरकारी कॉलेज टांडा में हुए यूथ फेस्टिवल में अरोड़ा ने भाग लिया। उस वक्त कालेज के कुछ प्रोफेसर भी आनंद के घर में रुके हुए थे। रात करीब 1:30 बजे किसी ने आनंद के निवास का दरवाजा खटखटाया। जब उन्होंने दरवाजा खोला तो सामने अरोड़ा खड़े थे।
अरोड़ा ने उनसे बेझिझक कहा कि उन्हें भूख लगी है और रात भी बहुत हो चुकी है। इस पर आनंद के घर में खाना बना और आधी रात के बाद उन्होंने खाना खाया और रात वहीं रुके। आईएएस की परीक्षा के दौरान अरोड़ा ने अर्थशास्त्र विषय से संबंधित मार्गदर्शन भी प्रिंसिपल आनंद से ही लिया जबकि अरोड़ा और उनके भाई सरकारी कालेज के प्रो. एनके शर्मा से गणित पढ़ा करते थे।
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आनंद ने बताया कि अरोड़ा अपने अध्यापकों और पारिवारिक मित्रों के संपर्क में लगातार बने रहते थे। आनंद ने बताया कि 1996 में वह अपने परिवार सहित राजस्थान में जयपुर घूमने गए थे और सुनील अरोड़ा तब वहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी थे।
बधाई देने वालों का तांता लगा
यह पता चलने पर कि वे वहां पहुंचे हैं, अरोड़ा ने न सिर्फ उन्हें अपने घर खाने पर आमंत्रित किया बल्कि राजस्थान भर में उनके घूमने और ठहरने का प्रबंध भी अपनी ओर से कराया। अरोड़ा के पैतृक घर में जहां अब उनके चाचा द्वारिका नाथ अरोड़ा का परिवार रहता है, वहां बधाई देने वालों का तांता लगा था।