हाई कोर्ट के पूर्व जज करेंगे लखीमपुर हिंसा की जांच की निगरानी, SC ने एसआईटी में किए फेरबदल
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया है। जिसमें तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों, एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को शामिल किया गया है। कोर्ट ने कहा है कि जस्टिस राकेश कुमार जैन निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट मामले में चार्जशीट दाखिल होने और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट मामले पर फिर सुनवाई करेगा।
SC ने मांगे थे आईपीएस अधिकारियों के नाम:
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि एसआइटी का पुनर्गठन किया जाय क्योंकि इसमें सिर्फ इस्पेक्टर स्तर के अधिकारी हैं। कोर्ट ने यूपी कैडर के उन आईपीएस के अधिकारियों के नाम मांगे थे, जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं ताकि उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके।
लखीमपुर हिंसा:
लखीमपुर ज़िला मुख्यालय से क़रीब 75 किलोमीट दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गाँव में हुई हिंसा और आगज़नी में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें चार किसान, दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। इसके अलावा 12 से 15 लोग घायल भी हो गए थे। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय के पुत्र आशीष का नाम सामने आया था और किसानों की ओर से पंद्रह और बीस अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष और लखनऊ के कारोबारी अंकितदास समेत छह आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था।
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