BJP में जाने की अफवाह झूठी, बसपा ने सब कुछ दिया: पूर्व ऊर्जा मंत्री
लोकसभा चुनाव आते आते नेताओं के दल बदल का दौर भी शुरू हो गया हैं, जहाँ कई पार्टी नेता अपने दल को छोड़ दूसरे राजनीतिक दल में किस्मत आजमाने जा रहे हैं, वहीं कई नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर अफवाहें भी जारी हैं, इसी कड़ी में हाथरस जिले में बसपा नेता और पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने की भी अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।
पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने अफवाह के बाद दी सफाई
भाजपा में शामिल होने की उड़ती अफवाह के बाद शनिवार को पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय को अपनी सफाई देनी पड़ी। उन्होंने साफ कर दिया कि वह बसपा के सिपाही है। बसपा ने उन्हें सबकुछ दिया है। हर पार्टी में दोस्त है लेकिन कभी किसी से टिकट नहीं मांगा है। बसपा प्रमुख जहां से चुनाव लड़ने की कहेगी उस आदेश का पालन किया जाएगा।
बसपा ने मुझे सब कुछ दिया:
शनिवार को बसपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने लेबर कॉलोनी अपने आवास पर मीडिया को बुलाकर भाजपा में जाने की उड़ रही अफवाहों का खण्डन किया। उन्होंने कहा कि दो दिन से लगातार उनके बारे में अफवाहें उड़ायी जा रही है कि वह भाजपा में शामिल होने वाले है जबकि इस अफवाह में कोई दम नहीं है। रामवीर उपाध्याय का कहना है कि बसपा प्रमुख बहन मायावती ने उन्हें सबकुछ दिया है। पांच बार विधायक बसपा ने बनाया है। ऊर्जा एवं परिवहन विभाग का मंत्री बनाया है।
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हर पार्टी के लोगों से है दोस्ती, किसी से नहीं मांगा कोई टिकट
रामवीर ने कहा कि उन्होंने कभी मंत्री बनने की पार्टी के सामने पेशकश नहीं की। बहन मायावती ने खुद मंत्री बनाया। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय को फतेहपुरसीकरी से सांसद बनाया। उनके भाई मुकुल उपाध्याय को 2004 में इगलास से विधायक बनाया। 2010 में एमएलसी बनाया। इस बार पारवारिक परिस्थति एवं स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण फतेहपुर सीकरी से चुनाव लडने से इंकार किया है। बाकी पार्टी प्रमुख का जहां से आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा। वह पार्टी के एक सिपाही है और पार्टी प्रमुख के हर आदेश का पालन करना उनका काम है।
अफवाह नहीं सबूत पेश करें:
उन्होंने कहा कि जो लोग अफवाह उड़ा रही है उनके पास अगर भाजपा में जाने के कोई सुबुत है तो वह पेश करे। वैसे हर पार्टी के लोगों से उनकी दोस्ती है,लेकिन आज तक न तो किसी पार्टी के नेता ने उनसे टिकट के संबंध में बातचीत की है और न ही उन्होंने कभी किसी को फोन नहीं किया है।
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