इतिहास में पहली बार Navy के जहाज की कमान संभालेंगी महिला अधिकारी ..

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Navy : आधुनिक युग हो या पौराणिक काल महिलाओं ने समाज को हमेशा अपना लोहा मनवाकर ही दम लिया हैं. ऐसे में एक बार फिर एक महिला इतिहास रचने जा रही है. दरअसल, इतिहास में पहली बार कोई महिला अधिकार नौसेना के जहाज की कमान संभालने जा रही है. इस बात का ऐलान करते हुए शुक्रवार को नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा है कि, ”अग्निपथ योजना का कार्यान्वयन एक बहुत जरूरी, परिवर्तनकारी बदलाव रहा है. इसके आगे उन्होने कहा कि, अग्निवीरो का हमारा पहला बैच इस साल मार्च में प्रमुख विजेता प्रतिष्ठान, आईएनएस चिल्का से स्नातक हुआ और महत्वपूर्ण बात यह है कि अग्निवीरो के इस बैच में 272 महिला अग्निवीर प्रशिक्षु भी शामिल हैं”.

”नौसेना की सभी रैंक में महिलाओं ने बनाई जगह”

उन्होने आगे कहा कि “आगे बढ़ते हुए, अग्निवीरों के दूसरे बैच में कुल 454 महिलाएं थीं और मैं कहना चाहता हूं कि तीसरे बैच के साथ, जिसे अभी शामिल किया गया है, अब हम नौसेना में 1,000 से अधिक महिला सहयोगियों की संख्याा को पार कर गए हैं “नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने जोर देकर कहा कि. ये आँकड़े सेवा में महिलाओं की तैनाती के संबंध में सभी भूमिकाओं और सभी रैंकों के नौसेना के दर्शन के प्रमाण हैं, दोनों अधिकारियों और अधिकारी के पद से नीचे के कर्मियों के लिए है.”

‘नौसेना पहली बार महिला कमांडिंग ऑफिसर को कर रही नियुक्त’

एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि हमने भारतीय नौसैनिक जहाज की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर को भी नियुक्त किया है. यह सुनिश्चित करने के लिए यथास्थिति को लगातार चुनौती देने का हमारा प्रयास रहा है कि नौसेना भविष्य में एक महत्वाकांक्षी और गतिशील पथ पर बनी रहे. बीते साल पर नजर डालें तो आप इस बात से सहमत होंगे कि 2023 हमारे देश के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष रहा है. हमने विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है, चाहे वह आर्थिक मोर्चा हो, कूटनीति हो या खेल का क्षेत्र हो”

जहाज पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार मौजूद

नौसेना प्रमुख ने कहा है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा और प्रचार के लिए भारतीय इकाइयां हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे मिशन-तैनात हैं, इसलिए समुद्र में समान रूप से बड़ी संख्या में अभ्यास के साथ इन व्यापक तैनाती ने वास्तव में भारतीयों की मदद की है. भारतीय नौसेना एक युद्ध-तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य-प्रूफ बल बनी हुई है.

जिसे हम अपने जहाज के पहले दृष्टिकोण से सक्षम कहते हैं, जहां हम जो भी कार्रवाई करते हैं उसका उद्देश्य हमारी महिलाओं को सक्षम बनाना है और परिचालन इकाइयों के लोग उस कर्तव्य को बहुत अच्छी तरह से निभाएंगे. हमारे जहाज लगातार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूद हैं. पनडुब्बियों ने ओमान, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में विदेशी बंदरगाहों पर परिचालन में बदलाव किया है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी और फरवरी में डेटा-स्तरीय परिचालन तैयारी अभ्यास में, 151 से अधिक परिचालन इकाइयों ने अभ्यास में भाग लिया, जो 21 मिलियन वर्ग समुद्री मील से अधिक क्षेत्र में फैला था.

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“आत्मनिर्भरता” की ओर बढ़ रही नौसेना”

नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने अपने भाषण में कहा कि, भारतीय नौसेना की परिचालन उपलब्धियों के बीच फरवरी में एलसीए नेवी और विक्रांत पर मिग29के के पहले टेक-ऑफ से अधिक कुछ आश्वस्त नहीं कर सकता है. यह दिखाता है कि भारतीय नौसेना रक्षा क्षेत्र में “आत्मनिर्भरता” की ओर बढ़ रही है. नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना का बजट अनुकूलन के पथ पर अच्छी तरह से स्थापित है; पूंजीगत बजट 50,000 रुपये के मूल आंकड़े को पार कर गया है और राजस्व बजट में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ”

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