जल के ‘जलजले’ में सारा हिंदुस्तान

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देश में आजकल बाढ़ से चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है लोगों के आशियाने इस ‘जल के जलजले’ में ढह गए हैं। बाढ़ की इस तबाही से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। किसानों की फसल बर्बाद हो गई तो किसी का घर बह गया, किसी ने अपनों को खोया तो किसी के जानवर बह गए। बाढ़ के कहर से जिंदगी थम गई है।

रिपोर्ट में ये है देश की हालत

NDMA(राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के मुताबिक देश में बाढ़ से 621 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं और देश के 14 राज्यों के 10 हजार से भी ज्यादा गांव बाढ़ के कहर से प्रभावति हैं। एनडीएमए के मुताबिक 44 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हो चुके हैं और एक करोड़ से ज्यादा लोग इस बाढ़ से पीड़ित है।

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अरबों की संपत्ति बाढ़ में बह गई

संपत्ति की बात करें तो अबतक 793 करोड़ की संपत्ति इस बाढ़ के आगोश में समा चुकी है। बाढ़ के इस कहर पर केंद्रीय जल आयोग और जल संसाधन मंत्रालय का कहना है कि साल 1953 से 2013 तक देश की 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है। पिछले 60 वर्षों में किसानों के 66 हजार करोड़ रुपए की फसल बाढ़ में तबाह हो गई है लेकिन इन आंकड़ों वो हकीकत शायद नही है जो होनी चाहिए।

बर्बाद पैसों से सुधर सकती थीं ये समस्याएं

आप को बता दें कि बाढ़ की वजह से देश का जो नुकसान हुआ है उससे देश में एम्स जैसे बड़े अस्पताल अगर बनाए जाते तो 52 एम्स बन सकते थे।इतनी रकम से देश में स्वच्छता के लिए 8 करोड़ शौचालय बनाए जा सकते थे। देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए करीब 13 हजार से ज्यादा स्कूलों का निर्माण कराया जा सकता था।

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