जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी पांच प्राचीन मान्यताएं…
शुक्रवार को जब चांद, सूर्य और धरती के बीच से गुजरा तो आंशिक तौर पर सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। जिसका नतीजा ये रहा कि दुनिया में कुछ जगहों पर सूर्य कुछ समय के लिए आंशिक तौर पर नहीं दिखा। हालांकि, सूर्य ग्रहण को लेकर कई मिथक चीजें है। पश्चिमी देशों में शुक्रवार को लगे इसे सूर्य ग्रहण को अच्छा नहीं माना गया और इसको लेकर कई तरह की ऑनलाइन पोस्ट्स भी की गई है।
सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ मिथक चीजें….
एक तरफ जहां यह हिंद प्रशांत क्षेत्र में रहने वालों को दिखाई दिया तो वहीं दूसरी तरफ यह सलाह दी गई कि लोग इसे देखने के लिए स्पेशल ग्लास या फिर लेंस का इस्तेमाल करें ना कि नग्न आंखों से। आइये जानते हैं इनसे जुड़ी कुछ मिथक चीजें-
1-पारंपरिक तौर पर भारतीय यह मानते हैं कि यह अमंगलकारी होता है क्योंकि इसमें सूर्य साफ नहीं दिखाई देता है और इससे बैक्टिरिया और रोगाणु को बढ़ावा मिलता है। इसलिए, सूर्य ग्रहण के दौरान ऐसा माना जाता है कि लोगों को ना ही खाना बनाना चाहिए, ना खाना चाहिए, ना पानी पीना चाहिए और ना ही बाहर जाना चाहिए। कुछ लोग ऐसा मानता है कि ऐसे हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए। ग्रहण के बाद कई लोग अपने आप को पवित्र करने के लिए नहाते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं।
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2-अलग-अलग जगहों पर इनसे जुड़ी मान्यताएं भी बिल्कुल अलग है। भारत में ऐसा माना जाता है कि दानव राहु और केतु ने सूर्य और चंद्रमा का पीछा किया और उन्हें निगल गया। लेकिन, वह ऐसा ज्यादा देर तक नहीं कर रख पाया और वो सूर्य और चंद्रमा फिर से प्रकट हो गए।
3-वियतनाम में ऐसा मान्यताएं है कि सूर्य को भस्म करनेवाले विशाल मेढक के चलते सूर्य ग्रहण होता है। नोर्स संस्कृति के लोग ऐसा मानते हैं कि भेड़िए सूर्य को भस्म कर दे हैं जबकि चीन के बुजुर्ग ऐसा मानते हैं कि ड्रैगन के निगलने के चलते ही सूर्य ग्रहण होता है।
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4-आम लोगों में सूर्य ग्रहण को लेकर ऐसी धारण है कि यह प्रेगनेंट महिला और अजन्मे बच्चों को नुकसान पहुंचाता है। खासकर गर्भवती महिलाओं से कहा जाता है कि इस दौरान वे भूल से भी धारदार कोई चीज ना छूएं जैसे सब्जी काटन के लिए चाकू। ऐसा कहना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
5-अफ्रीका में लोगों मानते हैं है ग्रहण लड़ाई का नतीजा है। बाटाम्मालिबा में स्थानीय टोगो और बेनिन ऐसा मानते हैं कि सूर्य और चांद के बीच लड़ाई का नतीजा है ग्रहण। जब भी ग्रहण लगता है बाटाम्मलिबा के लोग साथ आते हैं और अपनी लड़ाई को खत्म करने का प्रयास करते हैं और यह उदाहरण पेश करते हैं कि सूर्य और चंद्रमा भी अपनी लड़ाई खत्म कर ऐसा ही करें।
(साभार- हिन्दुस्तान)
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