Solar Energy से खेतों में सिंचाई होगी आसान…
भारत एक कृषि प्रधान देश है इसके बावजूद इस देश में सबसे खराब हालत किसानों की ही है। ऐसे में उनकी स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार (Central Govt) की ओर से कुसुम योजना चलाई जा रही है। जिसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ऐसा इसलिए क्योंकि इंडिया में इरीगेशन यानी की सिंचाई के एनर्जी का नेक्सस है उसका प्रभाव ग्राउंडवाटर पर ज्यादा पड़ता दिख रहा है। साथ ही पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन पर भी लोड की कमी नहीं है। ऐसे में भारत सरकार इस समस्या के असर को कम करने के लिए क्या कर रही है? आइये आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं…
भारत सरकार सोलर पंप को बढ़ावा देने के साथ उस पर Substantial Investment Subsidies यानि SIP दे रही है। SIP से काफी फायदें है: जैसे लो कार्बन फुटप्रिंट, कंसिस्टेंट एनर्जी अवैलिबिटी, फ्यूल कॉस्ट पूरी तरीके से ख़तम तो हो ही जाती है साथ में ऑपरेशनल कॉस्ट भी काफी कम हो जाता है।
प्रॉब्लम शुरू कहां से हुई?-
इंडिया का वेस्ट-साउथ कॉरिडोर जो कि पंजाब से तमिलनाडू तक जाता है, वहां पे ग्राउंडवाटर ब्रह्मपुत्र बेल्ट की तुलना में काफी कम है। इस समस्या की वजह है बोरिंग क्योंकि यहां पर पानी के लिए ज़मीन की खुदाई सामान्य से ज्यादा की जाती है, जिसके कारण पॉवर प्लांट पे बिजली का ज्यादा लोड पड़ता है। दिन में वोल्टेज काफी कम रहता है और पॉवर कट्स बहुत आम है।
ऐसे में SIP से सबसे ज्यादा फायदा इसी बेल्ट को होने वाला है, क्योंकि यहां पर सूरज की रोशनी के कई सारे हॉटस्पॉट्स है। रेगुलर इलेक्ट्रिसिटी का बहुत ज्यादा एडवांटेज यहां के किसानों को मिलेगा।
सालना 30-35 हज़ार की बचत होनी तय है। साथ ही ये एक बड़ी सफलता होगी अगर हम इसे लागू कर पाए। क्लाइमेट क्राइसिस से बचने के लिए ये स्टेप ज़रूरी था। कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और साथ ही ग्राउंडवाटर पर जो दबाव पड़ रहा है उससे भू मुक्ति मिल सकती है।
किस तरह की होंगी दिक्कतें?-
सबसे बड़ा इसका नुक्सान जो समझ में आ सकता है वह यह है कि बिजली के सस्ता होते ही ग्राउंडवाटर पे बहुत ज्यादा दबाव पड़ सकता है। सरकार ने सोलर पंप के लिए इतनी स्कीम शुरू कर दी है जिससे सोलर पंप बहुत ही सस्ते और आराम से मिल सकते है। योजनाओं में PM-KUSUM, SKY और भी कई सारी योजनाएं शामिल है।
एक कारण ये भी हो सकता है, सोलर सेल के भी रेट्स काफी गिरे है जिससे इन्हें लगाना बहुत आसान हो जाता है। लेकिन एक बड़ी परेशानी ये हो सकती है कि इसका इंस्टालेशन महंगा हो सकता है। और इसके साथ ही इसके मेंटेनेंस के लिए प्रोफेशनल्स की ज़रूरत पद सकती है जिसे गांवों में खोजना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
अब इसका भी समाधान सरकार ने लोगों के सामने रख दिया है। Union Ministry of New and Renewable Energy ने सुर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत सरकार यूथ को इसके सोलार पॉवर से जुड़े स्किल्स को ब्रश करेंगी ताकि आगे किसानों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़ें।
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