‘देश को तोड़ने वाली ताकतों को सरकार बैग में भरकर देती है पैसा’
नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक बहुत ही सनसनीखेज खुलासा किया है। फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि देश तोड़ने वाली ताकतों को भारत सरकार द्वारा पैसों से भरे बैग पहुंचाए जाते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा “इसमें कोई संदेह नहीं है कि कई ताकते ऐसी हैं जो भारत को अलग करना चाहती हैं। वे चाहते हैं कि भारत का बंटवारा हो। इन ताकतों को भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी गई। पैसों से भरे बैग उन्हें भेजे जाते ताकि नेशनल कांफ्रेस को हराया जा सके। उन्हें लगता था कि राज्य की सबसे बड़ी दुश्मन पार्टी नेशनल कांफ्रेस है।”
‘दिल्ली में बैठे लोग पहुंचा रहे वित्तीय मदद’
जम्मू में एक इवेंट के दौरान फारूक बोले “मैंने उनसे कहा कि आप ये क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा कि इन्हें भी साथ चलाना है। मैंने कहा हां जब ये कल हमारी कबरें खोदेंगे तब क्या बोलोगे।” इसके आगे फारूक ने कहा “कसूर हमारा नहीं है बल्कि कसूर उनका है जो दिल्ली में बैठे थे।” फारूक अब्दुल्ला अक्सर अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल ही में अपने एक बयान में फारूक अब्दुल्ला ने भारत के बंटवारे का जिम्मेदार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु, मौलाना अबुल कलाम आजाद और सरदार पटेल को जिम्मेदार ठहराया था।
Also Read : BJP नेता ने बालकनी से उड़ाए नोट, पढिए पूरा मामला
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
विवादित बयान देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि भारत के बंटवारे के पीछे जिन्ना का हाथ नहीं था। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था ” जो कमीशन आया उसका हमारे पास आज भी रिकॉर्ड है, जिसमें यह फैसला लिया गया था कि हम भारत का बंटवारा नहीं करेंगे लेकिन मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय जैसे सिखों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। जिन्ना इस फैसले से समहत थे लेकिन नेहरु, पटेल और कांग्रेस नेता मौलाना कलाम ने यह बात नहीं सुनी।” फारुक अब्दुल्ला ने दावा किया कि “इसी कारण जिन्ना को पाकिस्तान बनाना पड़ा। अगर नेहरु, पटेल और अन्यों ने बात सुन ली होती तो न पाकिस्तान बनता और न ही बांग्लादेश और केवल एक ही भारत रहता।”
(साभार- नवभारत टाइम्स)