वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र के मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना के विरोध में बैरवन गांव में रविवार को सुबह 8 बजे आगामी लोकसभा की चुनाव में वोट का बहिष्कार करने का किसानों ने निर्णय लिया. इस बैठक में महिलाओं और पुरूषों ने फैसला किया कि जब तक सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं करेगी तब तक किसान अपने वोट का बहिष्कार करेंगे. शासन और प्रशासन के दमानत्मक रवैये के विरोध के लिए यही आखिरी रास्ता बचा है. इस दौरान किसान प्रतिनिधि लाल बिहारी पटेल और ग्राम प्रधान अमलेश पटेल के नेतृत्व में ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित किसानों ने विकास प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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इस मौके पर किसान नेताओं ने कहाकि भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना से आजिज आकर मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर के किसान आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करेंगे. बिहारी पटेल ने कहाकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में किसानों के वैधानिक हक अधिकार का हनन किया जा रहा है. मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर से प्रभावित बैरवन के किसानों का जब तक भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून के आधार पर समस्या का वैधानिक तरीके से निस्तारण नही हो जायेगा, तब तक चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.
बैरवन के बगीचे में हुई बैठक में बनी ठोस रणनीति
बैरवन बगीचे में हुई इस बैठक में चरणबद्ध तरीके से लामबंद होकर चुनाव के वृहद बहिष्कार की ठोस रणनीति बनाई गई. निर्णय हुआ कि उच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट है कि बिना मुआवजा लिये किसानों का मालिकाना हक बना रहेगा. सरकार इनकी जमीन नियमानुसार लेगी या छोड़ेगी यह निर्णय सात सप्ताह के अंदर ले. साथ ही मुख्यमंत्री का आदेश है कि किसानों को नये भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर सर्किल दर का चार गुना मुआवजा दिया जाय. इन सबकी अवहेलना कर लगातार किसानों के साथ वाराणसी विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अवैधानिक कृत्यो से आजिज आकर बैरवन ग्राम सभा के किसान लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. उक्त योजना से प्रभावित करनाडाड़ी, मोहनसराय और मिल्कीचक में सर्वसम्मत से बहिष्कार की योजना की रणनीति बनी. कहा गया कि अन्नदाता के वैधानिक अधिकार का लगातार हनन और उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों की अवहेलना प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मे हो रहा है. किसानों पर दमनात्मक कार्यवाई की पराकाष्ठा लांघी जा रही है. लेकिन वाराणसी के सांसद देश के प्रधानमंत्री मौन है ? इससे विचलित होकर यह निर्णय लेना पड़ा है.
प्रधानमंत्री अविलम्ब लें संज्ञान नही तो होगा आंदोलन
पूर्व प्रधान अमलेश पटेल और कृष्णा प्रसाद उर्फ छेदी बाबा ने कहा कि प्रधानमंत्री अविलम्ब संज्ञान लेकर 1998 से लंबित उक्त किसान विरोधी योजना का वैधानिक तरीके से निस्तारण कराएं. किसानों को वैधानिक अधिकार दिलवाने की पहल गंभीरता से करते हुए स्पोर्ट्स सिटी के नाम पर 15 गांवों की जमीन, वर्ल्ड सिटी के नाम पर 7 गावों की जमीन, काशी द्वार एवं वैदिक सिटी के नाम पर सैकडों हेक्टेयर जमीन औने पौने दाम पर हड़पने की करतूत पर विराम लगाने के लिए ठोस पहल करें. नहीं तो लामबंद किसान व्यापक स्तर पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करेंगे. किसान प्रधानमंत्री को अपने मत की ताकत से सांसद इस लिये बनाते हैं कि हमारा सांसद देश का प्रधानमंत्री बनकर काशी का सम्मान बढ़ा रहा है. लेकिन उसके बदले अगर किसान के वैधानिक अधिकारों का लगातार हनन और किसानों पर दमनात्मक कार्यवाई होगी तो किसान चुनाव का बहिष्कार कर प्रधानमंत्री को दुनिया के सामने बेनकाब करेंगे. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिलाप्रशासन वाराणसी और विकास प्राधिकरण वाराणसी की होगी.
बैठक में यह रहे मौजूद
बैठक की अध्यक्षता बैरवन प्रधान लाल बिहारी पटेल, संचालन पूर्व प्रधान अमलेश पटेल और धन्यवाद ज्ञापन पूर्व प्रधान कृष्णा प्रसाद उर्फ छेदी पटेल ने किया. बैठक में प्रमुख रूप से मेवा पटेल, प्रेम साव, विजय नारायण वर्मा, उदय पटेल, जय प्रकाश, लाल बहादुर, बबलू पटेल, कल्लू पटेल, रामराज, संजय, पांचू पटेल, सदानंद, उदयभान, बिटुना देवी, कृष्णावती, ज्योति, बिरजू, राजकुमार, सुरेंद्र पटेल, रामराज प्रधान और सैकड़ों किसान मौजूद रहे.