किसान दिवस 2022: आज है अन्नदाताओं के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती, PM और CM के अलावा इन पदों को संभाला, जानें सब कुछ
भारत के 5वें पीएम चौधरी चरण सिंह का आज (23 दिसंबर) जन्मदिन है. देशभर में चौधरी चरण सिंह की 120वीं जयंती मनाई जा रही है. इस दिन का खास महत्व ये भी है कि चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसे राष्ट्रीय किसान दिवस भी कहा जाता है. किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए चरण सिंह ने कई नीतियों की शुरुआत की थी. भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया.
जन्म और शिक्षा…
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को मेरठ जिले के नूरपुर में एक जाट किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम मीर सिंह और माता का नाम नेतर कौर था.
उन्होंने वर्ष 1923 में विज्ञान से स्नातक किया. इसके बाद वर्ष 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने एलएलबी किया और फिर वकालत शुरू कर दी. इसी वर्ष चरण सिंह का विवाह गायत्री देवी के साथ हुआ. दोनों के 6 संतानें हैं. जिनके नाम अजीत सिंह, सत्यवती सोलंकी, शारदा सिंह, ज्ञानवती सिंह, सरोज वर्मा, वेदवती सिंह हैं. अजीत सिंह को आज एक बड़े नेता के रूप में जाना जाता है.
चरण सिंह ने स्वतंत्रता के लिए अहिंसक संघर्ष में महात्मा गांधी का अनुसरण किया और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने वकील का कैरियर को छोड़ दिया. वर्ष 1930-1947 तक उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विभिन्न संघर्षों में भाग लेने के लिए कई साल जेल में बिताए. स्वतंत्रता के बाद, चरण सिंह ने अपना जीवन किसानों के लिए समर्पित कर दिया.
राजनीतिक सफर…
चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1937 में राजनीति में एंट्री की. वो उत्तर प्रदेश के छपरौली विधानसभा से चुनाव जीते. 1946, 1952, 1962 और 1967 में विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 1951 में वो राज्य में कैबिनेट मंत्री बने.
दो बार यूपी के सीएम…
चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के सीएम का पद भी संभाला है. 3 अप्रैल, 1967 में चौधरी चरण सिंह यूपी के सीएम बने थे, इसके बाद वर्ष 1968 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था. 17 फरवरी, 1970 में दोबारा वह यूपी के सीएम बने.
चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता और 5वें पीएम थे. उन्होंने यह पद 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक संभाला था. चौधरी चरण सिंह केंद्र सरकार में गृहमंत्री भी बने, जहां उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की. इसके बाद वर्ष 1979 में वित्तमंत्री और पीएम के रूप में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की. 29 मई, 1987 को चौधरी चरण सिंह का दिल्ली में निधन हो गया था.
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा और हमदर्द थे. उन्होंने ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में ही जिया. खाली समय में चौधरी चरण सिंह को पढ़ना और लिखना पसंद था. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं. उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन, भारत की गरीबी और इसका समाधान हैं.
बड़े कदम…
1. वर्ष 1949 विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया.
2. वर्ष 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया.
3. वर्ष 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया.
4. वर्ष 23 दिसंबर, 1978 को किसान ट्रस्ट की स्थापना.
23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने के साथ ही राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. किसानों और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है. आज के दिन देशवासियों को यह याद दिलाना है कि किसान देश का अन्नदाता है और किसान की हर परेशानी को दूर करने का काम भारत के लोगों का है. इस दिन कृषि के ऊपर कई वाद-विवाद कार्यक्रम, समारोह, सेमिनार और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.