अगर बीजेपी ने किया 'पप्पू' शब्द का प्रयोग तो खैर नहीं
चुनाव आयोग ने गुजरात चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के ‘पप्पू’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। ये रोक भाजपा के इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों पर लगाई है, जिनमें इस शब्द के जरिए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाया गया है। आयोग ने इसे अपमानजनक बताया है।
शब्द इस्तेमाल पर आपत्ति जाहिर की
पप्पू शब्द का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर राहुल पर फब्ती कसने के लिए धड़ल्ले से किया जाता रहा है। भाजपा ने इस प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा कि उसके विज्ञापनों में इस शब्द का इस्तेमाल किसी के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर नहीं हुआ है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि गुजरात मुख्य चुनाव आयुक्त के तहत बनी मीडिया कमेटी ने विज्ञापनों की स्क्रिप्ट में जब इस शब्द को देखा तो उन्होंने इसके इस्तेमाल पर आपत्ति जाहिर की।
जिस पर वो हमें मंजूरी का प्रमाणपत्र देते हैं
विज्ञापनों की स्क्रिप्ट भाजपा ने पिछले महीने मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के सामने दाखिल की थी। चुनाव आयोग को स्क्रिप्ट दी जाती है। एक सीनियर बीजेपी नेता ने कहा, “अपना कोई भी चुनाव विज्ञापन बनाने से पहले हम उसकी स्क्रिप्ट चुनाव आयोग की मीडिया कमेटी के सामने पेश करते हैं, जिस पर वो हमें मंजूरी का प्रमाणपत्र देते हैं।
अपमानजनक मानते हुए इस पर आपत्ति जाहिर की है
हालांकि उन्होंने पप्पू शब्द के इस्तेमाल को अपमानजनक मानते हुए इस पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने हमसे इसे हटाने को कहा है।”उन्होंने कहा कि पार्टी इस शब्द को हटाकर चुनाव आयोग की मंजूरी के लिए नई स्क्रिप्ट दाखिल करेगी।भाजपा नेता का कहना है हालांकि इन स्क्रिप्ट में पप्पू शब्द को न तो किसी से जोड़ा गया है और न ही इस शब्द के लिए किसी का नाम लिया गया है।
लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया
हमने चुनाव आयोग की कमेटी से मांग की थी वो अपने इस फैसले के बारे में फिर से सोच विचार करे लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया। गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी स्वैन ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी डेवलपमेंट के बारे में कुछ नहीं मालूम। इस बारे में वह कुछ जानकारी हासिल करने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।
(साभार – न्यूज 18)
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