…ताकि ‘गरीबी’ इन बच्चों के ‘भविष्य’ में रोड़ा न बनें
शिक्षा (education) वह कारगर उपाय है, जो हर तरह के वर्ग भेद को मिटाने में सक्षम है। लिहाजा, शिक्षा दान आज सर्वाधिक प्रासंगिक है। जमशेदपुर की मीता तरफदार ने झुग्गी बस्तियों के वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के क्रम में काबिले तारीफ काम किया है।
युवाओं का एक नेटवर्क है जो गरीब बच्चों को पढा सके
मीता पेशे से साइंटिस्ट हैं। वह जमशेदपुर स्थित नेशनल मेटालार्जिकल लेबोरेट्री में बतौर सीनियर साइंटिस्ट पदस्थ हैं। मीता ने जमशेदपुर में ऐसे पढ़े लिखे युवाओं का नेटवर्क तैयार किया, जो प्रतिदिन कम से कम एक घंटे वंचित बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकें। इस नेटवर्क में सुशिक्षित युवाओं के अलावा नौकरीपेशा लोग भी शामिल हैं। सब इस शर्त पर नेटवर्क से जुड़े कि रोजाना एक घंटे का समय निकाल कर वे अपने घर-मोहल्ले के आसपास रहने वाले वंचित परिवारों के बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके लिए कोई फीस नहीं लेंगे और स्टडी सेंटर के रूप में अपने घर का ही इस्तेमाल करेंगे।
स्टडी सेंटर चलाने की जिम्मेदारी कोई एक दानदाता उठाता है
शहर के अलग-अलग इलाकों में इस तरह का नेटवर्क तैयार हो गया है। पढ़ाई के अलावा बच्चों को कंप्यूटर, सामान्य ज्ञान, हॉबी और संगीत भी सिखाया जाता है। जिनके पास वक्त नहीं वे दान देते हैं नीता ने बताया कि उस इलाके में जहां समय देने वाले युवा नहीं मिलते, तब वहां स्टडी सेंटर चलाने की जिम्मेदारी कोई एक दानदाता उठाता है। वह उक्त स्टडी सेंटर के लिए एक हजार रुपये का मासिक दान देता है। जिससे वहां वैतनिक शिक्षक की सेवा ली जाती है। दानदाताओं में शहर के अनेक बुद्धिजावी और पेशेवर शामिल हैं।’ मोहल्ले के वंचित बच्चों को रोजाना एक घंटा पढ़ाते हैं कंप्यूटर, म्यूजिक और सामान्य ज्ञान का भी कराते हैं ऐसे ही एक दानदाता प्रो. प्रबल सेन कहते हैं कि इस अभियान से जुड़कर जहां गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा में सहयोग मिल रहा है, वहीं मुङो आत्मिक शांति मिल रही है।
ताकि गरीबी इन बच्चों के भविष्य में रोड़ा न बने
बच्चों को पढ़ाने वाले एक युवा छात्र बबई ने कहा कि हम अपने लिए तो बहुत कुछ करते हैं, लेकिन इन बच्चों के लिए एक घंटा देने से अगर इनका जीवन संवर रहा है तो खुशी मिलती है, कि चलो कुछ तो बेहतर हुआ।वंचित बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में सहायता करने के लिए हमने एक प्लेटफार्म बनाने की कोशिश की थी। आज इससे कई लोग जुड़ गए हैं। वे समय, शिक्षा और धन का दान कर रहे हैं। ताकि गरीबी इन बच्चों के भविष्य में रोड़ा न बने। आशा करते हैं कि भविष्य में और कई स्टडी सेंटर शहर में खोल पाएंगे।
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