वाराणसी के उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के ठिकानों पर ईडी का छापा
नाटीईमली स्थित आवास पर सुबह सात बजे धमकी टीम
वाराणसी में शुक्रवार को तड़के सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीम धमकी. ईडी की टीम ने नाटीइमली स्थित उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के ठिकाने पर छापा मारा. इस दौरान अधिकारी घंटों दस्तावेजों की छानबीन करते रहे. सूचना है कि लोकल पुलिस या एडमिनिस्ट्रेशन से किसी तरह की कोई मदद नहीं ली गई है और न ही किसी को जांच में शामिल किया गया है. जानकारी के मुताबिक मामला बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि ईडी की कार्रवाई के दौरान किसी के भी घर के अंदर या बाहर आने- जाने पर रोक लगाई गई थी. सभी के मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में लेकर छानबीन की कार्रवाई की गई.
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ईडी की उद्योगपति दीनानाथ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. टीम ने झुनझुनवाला के वाराणसी स्थित आवास समेत 7 राज्यों के ठिकानों पर सुबह 7 बजे एक साथ छापेमारी की. इस दौरान किसी को भी अंदर-बाहर जाने की इजाजत नहीं थी. एजेंसी के अधिकारियों ने सभी के मोबाइल जब्त कर लिए. बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहे. सूत्रों के मुताबिक झुनझुनवाला के खिलाफ सीबीआई ने वर्ष 2019 में लगभग 900 करोड़ के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज किया था. फिर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी की एंट्री हुई थी. ईडी ने दो लैपटॉप और कई फाइलों को कब्जे में लिया है. दीनानाथ झुनझुनवाला आज से लगभग 4-5 दशक पहले कपड़े का व्यवसाय करते थे. बाद में उन्होंने झूला ब्रांड डालडा (वनस्पति तेल) बनाना शुरू किया, जो यूपी-बिहार में काफी मशहूर रहा. दीनानाथ झुनझुनवाला का नाटी इमली स्थित आवास पर ईडी कीएक टीम सुबह 7 बजे पहुंची. वहीं, 2 टीमों ने आशापुर और हिरामन की ऑयल मिल में छापा मारा. पता चला कि इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड समेत देश में झुनझुनवाला के 10 ठिकानों पर दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है.
बैंकों से 11 करोड़ का लिया लोन लौटाया नहीं
दीनानाथ झुनझुनवाला पर पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 900 करोड़ का फ्रॉड करने का आरोप है. झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था. लेकिन अब तक लौटाया नहीं है. उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है. झुनझुनवाला पर आरोप है कि उन्होंने बैंक के अधिकारियों से मिलकर लोन लिया और फिर उसे लौटाया ही नहीं. इस फ्रॉड में सबसे बड़ी बात यह थी कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी. जेवीएल एग्रो पर बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक समेत देशभर की अलग-अलग बैंक शाखाओं से बड़ा लोन लिया था.
पहले जौनपुर में खोली फैक्ट्री, फिर विदेशों में फैला कारोबार
जानकारी के मुताबिक दीनानाथ झुनझुनवाला बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने वाराणसी में बीएचयू से ग्रेजुएशन किया. शुरुआत में दीनानाथ कपड़े को छोटा व्यवसाय करते थे. फिर, बिस्किट फैक्ट्री खोली. 17 नवंबर 1989 को झुनझुनवाला ने वनस्पति लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई, जिसे जौनपुर के नाऊपुर में स्थापित किया था. 1990 से कंपनी ने वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया. कुछ दिनों में कारोबार चल पड़ा. 25 टन प्रतिदिन के उत्पादन से शुरुआत करने वाली यह कंपनी बाद में करीब एक हजार टन प्रतिदिन उत्पादन करने लगी. 2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड बनाया. जेवीएल एग्रो वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों तेल बनाने लगी. इनका झूला ब्रांड काफी लोकप्रिय हुआ. झुनझुनवाला का कारोबार इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलेशिया और श्रीलंका में भी है.