जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पारित नहीं हो पाया जीएसटी विधेयक

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जम्मू एवं कश्मीर विधनासभा के विशेष सत्र के दौरान शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक विपक्षी दलों के विधायकों के हंगामे के कारण पारित नहीं हो सका। विधायकों ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार पर पैलेट गन के इस्तेमाल के जरिए लड़के-लड़कियों को अंधा करने का आरोप लगाया। जैसे ही विधानसभा में शोक प्रस्ताव पढ़ने की प्रक्रिया शुरू हुई, कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए और हिंसा में मारे गए लोगों के नाम विधानसभा के शोक प्रस्ताव में शामिल करने की मांग करने लगे।

कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की गठबंधन वाली सरकार लड़के-लड़कियों को पैलेट गन का इस्तेमाल कर अंधा कर रही है और बाद में उनके बीच स्कूटी और लैपटॉप बांट रही है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलविंदर गुप्ता ने सदन में व्यवस्था कायम करने की कोशिश की, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के विधायक देवेंद्र राणा खड़े हो गए और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर नई दिल्ली (केंद्र सरकार) के इशारे पर सदन की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। घाटी में निर्दोषों की मौत के खिलाफ नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया।

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प्रदर्शनकारी विधायक हाथों में ‘निर्दोष लोगों की हत्या बंद करो’ और ‘राज्य में आतंकवाद रोको’ लिखी तख्तियां लिए प्रदर्शन कर रहे थे। राज्य सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया था, जिसके लिए विधानसभा द्वारा एक संविधान संशोधन की आवश्यकता है, ताकि राज्य में कर की यह नई व्यवस्था लागू की जा सके।

इस बीच, व्यापारियों, उत्पादकों और अन्य व्यवसायियों के समूह ने जीएसटी के विरोध में शहर के लाल चौक क्षेत्र में धरना दिया। व्यापारियों, उत्पादकों और अन्य व्यवसायियों ने जीएसटी के विरोध में विधानसभा तक मार्च भी किया।

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