ई-रिक्शा से शहर की यातायात व्यवस्था बेहाल कार्रवाई से बचने के लिए चालक बांध देते हैं नंबर प्लेट पर कपड़ा

धार्मिक और अलौकिक नगरी काशी की यातायात व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है

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ई-रिक्शा से शहर की यातायात व्यवस्था बेहाल,
कार्रवाई से बचने के लिए चालक बांध देते हैं नंबर प्लेट पर कपड़ा

धार्मिक और अलौकिक नगरी काशी की यातायात व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. इसको सुधारने में सबसे बड़ा बाधक बन रहे हैं ई-रिक्शा. शहर में 20437 पंजीकृत (टोटो) ई-रिक्शा के चालकों ने यातायात व्यवस्था को छिन्न भिन्न कर रखा है. शहर के प्रमुख 10 चौराहे और 10 क्षेत्रों में जाम का कारण बन रहे 15-20 ई-रिक्शा सीज और 20-30 का चालान की कार्रवाई के बाद भी इनके चालकों को कोई डर नहीं रह गया है. करीब 800 अवैध ई-रिक्शा अभी भी गलियों और कॉलोनियों में चल रहे हैं.

इन प्रमुख मार्गों पर सबसे ज्यादा दिक्कत

शहर के कुछ प्रमुख मार्ग जैसे की अस्सी-जंगमबाड़ी मार्ग, गिरजाघर चौराहा-नई सड़क और लंका-सामनेघाट मार्ग, कैंट-इंग्लिशिया लाइन तिराहा और मैदागिन-विशेश्वरगंज, सिटी स्टेशन और नक्खीघाट मार्ग, भोजूबीर-अर्दली बाजार मार्ग और पांडेयपुर चौराहा पर सबसे अधिक यातायात व्यवस्था में बाधा ई-रिक्शा पहुंचा रहे हैं. अगर इसके अलावा बात करें तो रोडवेज कैंट, परेडकोठी मार्ग, भेलूपुर, कमच्छा, कबीरचौरा, जगतगंज, रामकटोरा, सुंदरपुर-खोजवा, पांडेयपुर चौराहा, पहड़िया और नाटी इमली आदि क्षेत्रों में भी ई-रिक्शा के कहीं भी खड़े होने और संचालन से सुबह से लेकर रात तक जाम की स्थिति बनी रहती है. इसके साथ ही महीने दर महीने ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन भी बढ़ रहा हैं.

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एक व्यक्ति के पास 5 से अधिक ई-रिक्शा

यातायात पुलिस के अनुसार ई-रिक्शा चालकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहले जो फल, सब्जी, चाट की दुकान लगाते थे या मजदूरी करते थे अब वह भी ई-रिक्शा चला रहे हैं. किसी के पास खुद का है तो किसी ने किराए पर ले रखा हैं . लंका के भगवानपुर समेत अन्य क्षेत्रों में रहने वाले लोग पांच से छह ई-रिक्शा खरीदकर उसे 500 से 800 रुपये प्रति दिन किराये पर चलवा रहे हैं . दूसरी ओर दिन – रात ई-रिक्शा चलाकर चालक 1500 से 2000 रुपये रोजाना कमा रहे हैं.

यातायात पुलिस ने ली सिटी कमांड सेंटर की मदद
आपको बता दें की शहर में अवैध ई-रिक्शा की इंट्री रोकने के लिए यातायात पुलिस सिटी कमांड सेंटर की भी मदद लेती है. उल्टा सीधा चलने के तरीके से चलने वाले ई-रिक्शा पुलिस से बचने के लिए अपने नंबर प्लेट हटा देते है नहीं तो उसपे कोई कपडा बांध लेते हैं जिसके कारण पुलिस उनकी पहचान नहीं कर पाती है.

क्या बोले अधिकारी

राजेश कुमार पांडेय, एडीसीपी यातायात का कहना है कि ई-रिक्शा के रूट निर्धारित करने और शाहर में तीन जोन बनाकर कलर कोड व्यवस्था लागू करने को लेकर विचार किया जा रहा है. इसे लेकर ई-रिक्शा, ऑटो यूनियन पदाधिकारियों संग बैठक भी हो गई है. क्यूआर कोड, स्टीकर मैटेरियल्स आदि मंगाए जा रहे हैं.

Written By : Harsh Srivastava

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