प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में बढ़ जाती है इस काम को करने की क्षमता
गर्भावस्था के दौरान आपकी आहार संबंधी आदतों, स्वास्थ्य, आपके लाइफस्टाइल व गतिविधियों से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास और वृद्धि पर प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोगों को यह सलाह देते देखा होगा कि गर्भवती महिला को हर समय खुश रहना चाहिए .
मनोविज्ञान के अनुसार गर्भवती महिलाओं के हाव–भाव और विचारों से उनके गर्भ में पल रहे लगभग 6 महीने या उससे अधिक आयु के बच्चे पर भी असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला जिस प्रकार से भी महसूस करती है वह जन्म के बाद उसके बच्चे के व्यवहार और विचारों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या करें
1. अपने दिमाग को डायवर्ट करने के लिए कोई पसंदीदा काम करें. इस दौरान आप संगीत सुन सकती हैं, पेंटिंग या स्केचिंग वगैरह कर सकती हैं. इससे आपका मन भी नहीं भटकेगा और आपके बच्चे पर भी आपकी क्रिएटिविटी का असर पड़ेगा.
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2. जब भी आप दुखी या उदास महसूस करें तो किसी ऐसे शख्स से बात करें जिससे बात करना आपको पसंद हो या जिसकी कंपनी को आप एन्जॉय करती हों.
3. मेडिटेशन जरूर करें. इससे आपको मानसिक रूप से शांति मिलेगी और मन की स्थिति नियंत्रित होगी. इसके अलावा कुछ समय अपने आराध्य का ध्यान करें या ओम शब्द का उच्चारण करें.
4. महिलाएं प्रेंग्नेंसी के दौरान खाने की चीजों पर ज्यादा ध्यान देने लगती हैं. इसके अलावा उन्हें सिट्रस युक्त चीजें काफी पंसद आने लगती हैं और वही खाना चाहती हैं.
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