बीते कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें दलितों और पिछड़ी जाति के साथ हो रहे अत्याचारों की पर सरकार ही नहीं बल्कि आम लोगों का भी ध्यान खींचा। ऐसे में मध्य प्रदेश के एक अधिकारी ने ऐसा आदेश जारी कर दिया, जिसकी चर्चा हर तरफ काफी चर्चा हो रही है।
तो उसकी सूचना पुलिस को पहले दी जाए
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने दलितों और पिछड़ी जाति के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर उज्जैन के माहिदपुर तहसील में सरपंचों और पंचायत सचिवों को आदेश दिया है कि अगर आपके क्षेत्र में दलितों के घर शादी होने वाली है तो उसकी सूचना पुलिस को पहले दी जाए।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन की ओर से जारी आदेश में सरपंच और पंचायत सचिव अपने अधिकार क्षेत्र में किसी गरीब दलित या फिर पिछड़ी जाति के घर होने वाली शादी की सूचना पुलिस को कम से कम तीन दिन पहले देने का निर्देश दिया है।
शादी को लेकर अलर्ट रहने के लिए कहा है
गौरतलब है कि यह आदेश उज्जैन के नाग गुराडियां गांव में एक दलित दूल्हे को सवर्णों द्वारा घोड़ी से जबरन उतारे जाने की घटना को देखते हुए जारी किया गया है। बता दें कि माहिदपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जगदीश गोमे ने एक सर्कुलर जारी कर सरपंचों और पंचायत सचिवों को दलितों के घर होने वाली शादी को लेकर अलर्ट रहने के लिए कहा है।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जगदीश गोमे का कहना है कि एहतियातन यह कदम उठाया गया है, हम नहीं चाहते कि कोई अनहोनी घटना घटे। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा है कि बारात निकलने के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रहे। इस संबंध में 16 अप्रैल को जारी पत्र की कॉपी जिले के आला अधिकारियों को भी भेज दी गई है।
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