China-Taiwan Tension: ताइवान को बार-बार उकसा रहा है ड्रैगन

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ताइवान ने अपने क्षेत्र में चीनी सैन्य विमानों की मौजदूगी का दावा किया है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने मंगलवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) से बुधवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) के बीच ताइवान के आसपास सात चीनी सैन्य विमानों और चार नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है.
बता दें कि ताइवान में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में विलियम लाई की डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी ने जीत हासिल की है. लाई को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है. चीन की इस हरकत के जवाब में ताइवान ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधि पर नजर रखने के लिए विमान, नौसैनिक जहाज और वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात की है. इस बीच मंगलवार को सुबह 10ः30 बजे (स्थानीय समयानुसार) एक चीनी बैलून कीलुंग से 119 किमी (64 एनएम) उत्तर-पश्चिम में मध्य रेखा को पार करते हुए देखा गया.

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ताइवान की मीडिया में चल रही ख़बर

ताइवान की मीडिया ने यह ख़बर सबसे पहले चलायी है. ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बैलून पूर्व की ओर उड़ा और दोपहर 12ः15 बजे (स्थानीय समय) गायब हो गया. जनवरी में अब तक ताइवान ने 298 चीनी सैन्य विमानों और 136 नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सितम्बर 2020 से चीन ने ताइवान के आसपास परिचालन करने वाले सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में वृद्धि करके ग्रे जोन रणनीति का उपयोग तेज कर दिया है.

ताइवान की सेना ने भी किया सैन्य अभ्यास

चीन के किसी भी हमले से निपटने के लिये ताइवान द्वारा भी तैयारी की जा रही है. फोकस ताइवान की रिपोर्ट के अनुसार ताइवान के मरीन कॉर्प्स ने बुधवार को काऊशुंग में ज़ुओयिंग नेवल बेस पर समुद्री अभ्यास किया है. इस दौरान, ताइवान नौसेना ने एक माइनलेयर और एक स्वदेशी एम109 असॉल्ट नाव के साथ बंदरगाह से आपातकालीन प्रस्थान किया और रडार सिस्टम और ड्रोन के उपयोग सहित कई तरह की कार्रवाइयां कीं.

स्वतंत्र ताइवान चीन अमेरिका के लिये ख़तरा – वांग यी

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता चीन और अमेरिका सम्बंधों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. बता दें कि पिछले वर्ष सैन फ्रांसिस्कों में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. 28 जनवरी को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बैंकॉक में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन से मुलाकात की. इस बैठक में सुलिवन द्वारा ताइवान को चीन का आंतरिक मामला बताया गया. कहा कि ताइवान के क्षेत्रीय  चुनाव इस बात को नहीं बदल सकते की ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है. सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और चीन में प्रतिस्पर्धा हैं, लेकिन दोनों देशों को इसे संघर्ष या टकराव में बदलने से रोकने की जरूरत है. वहीं चीन मानता है कि चीन-अमेरिका सम्बंधों के लिए सबसे बड़ी चुनौती ताइवान स्वतंत्रता आंदोलन भी है.

चीन के चारों ओर है अमेरिकी सैन्य ठिकाने

चीन के ताइवान पर कब्ज़े की मंशा की बात किसी से छुपी हुई नहीं है. एसे में आगे भी चीन द्वारा ताइवान की सीमा में घुसपैठ की ख़बरें देखने को मिल सकती है. वहीं अमेरिका भी इसको लेकर तैयार है. अमेरिका ने चीन को लगभग हर तरफ से घेरा हुआ है. ऐसे में अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो उसे काफी मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी. ताइवान से कुछ दूरी पर अमेरिका के सबसे बड़े नौसैनिक और हवाई बेड़ों में से एक गुआम मौजूद है. जापान में भी अमेरिकी नौसेना का प्रशांत बेड़ा तैनात है. फिलीपींस में भी कम से कम दो अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं. दक्षिण कोरिया में भी अमेरिका का एक सैन्य ठिकाना है. ताइवान में भी अमेरिकी सेना मौजूद है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी अमेरिका का बड़ा सैन्य ठिकाना है.

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