गरीब बच्चों के घर-घर जाकर पढ़ाता है ये स्कूल

0

वैसे तो आप कई तरह के स्कूलों में पढ़े होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। इस अनोखे स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र  में क्रांति लाने का काम किया है। जी हां, क्या आपने कभी सुना था कि कोई स्कूल बच्चों को पढ़ाने के लिए डोर-टू-डोर, बाजार या फिर फुटपाथ जाता है? नहीं न, लेकिन मुंबई में एक स्कूल ऐसा भी है, जो गरीब बच्चों के घर-घर जाकर पढ़ाने का काम करता है।

डोर स्टेप स्कूल

रंजनी परांजपे और बीना लश्करी ने वर्ष 1989 में मुंबई के एक छोटे से स्लम कफ परेड से ‘डोर स्टेप स्कूल’ की शुरूआत की। इस स्कूल में बच्चों को जोड़ने के लिए वे घर-घर जाते हैं और बच्चों के माता-पिता से उनको पढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।

बच्चों को खुद लेकर जाते हैं स्कूल

इस स्कूल का नाम ‘डोर स्टेप स्कूल’ रखने का मुख्य कारण यह है कि यह बच्चों को उनके घर से उठाकर खुद स्कूल ले जाता है और उन्हें पढ़ाता है। इस स्कूल की खास बात यह है कि यह बाजारों, फुटपाथों, कंस्ट्रक्शन साइट और रेलवे स्टेशनों से बच्चों के माता-पिता से इजाजत लेकर उन्हें बस से स्कूल लेकर जाते हैं। जहां उन्हें सुबह 9.30 बजे से शाम पांच बजे तक पढ़ाता जाता है।

70 हजार बच्चे लेते हैं शिक्षा

‘डोर स्टेप स्कूल’ हर साल पुणे और मुंबई के इलाकों के लगभग 70 हजार गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम करता है। इसके पास करीब एक हजार शिक्षक और कर्मचारी हैं, जो इन बच्चों को पढ़ाते हैं।

door to door

स्कूल के फाउंडर परांजपे के मुताबिक, वे इलाके का चयन जरूरत और लॉजिस्टिक के आधार पर करते हैं। वे सबसे पहले स्कूल के संचालन के लिए फंडिंग सपोर्ट की तलाश करते हैं।

गरीब बच्चों की आवाज

‘डोर स्टेप स्कूल’ नए इलाकों के चयन के लिए परिवारों का सर्वे करते हैं और स्कूल जाने वाले और न जाने वाले बच्चों को दो भागों में बांटकर जरूरतमंद बच्चों को चिन्हित करते हैं। तब जाकर वे उन बच्चों को इस शिक्षण कार्यक्रम में शामिल करते हैं। स्कूल के एक प्रतिनिधि के अनुसार, हम प्रवासी और गरीब बच्चों की आवाज बनना चाहते हैं। इसलिए हमने इन बच्चों के लिए ऐसी नीति बनाने का निर्णय लिया।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More