एम्स के निदेशक ने बीएचयू अस्पताल में सुविधाओं का जाना हाल, एमओयू के बाद पहला दौरा
वाराणसी: एमओयू पर मुहर लगने के बाद एम्स के निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास बुधवार को वाराणसी पहुंचे. उन्होंने बीएचयू स्थित सरसुंदरलाल अस्पताल में सुविधाओं का निरीक्षण किया. अस्पंताल परिसर में जायजा लेकर वह सुविधाओं की जानकारी जुटा रहे हैं. इस संबंध में वह संबंधित मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट देंगे. निरीक्षण के दौरान आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार, बीएचयू ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर सौरभ सिंह, बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर केके गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सक और अधिकारी मौजूद थे.
बदलावों की विस्तृत कार्य योजना तैयार
आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा पर एमओयू के बाद यहां होने वाले बदलावों की विस्तृत कार्य योजना तैयार हो गयी है. इसमें शैक्षणिक कार्यों के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई गई हैं. साथ ही हर कमेटी के पास जो भी आवेदन आता है, उसके निस्तारण के लिए समय भी तय कर दिया गया है. आवेदन करने वालों को निस्तारण होने के बाद मोबाइल पर मैसेज भी जाएगा. एमओयू के बाद जिस तरह की रणनीति बनाई जा रही है, उसके हिसाब से अगले दो साल तक एम्स की तर्ज पर ही कामकाज होगा.
चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुडे सभी पहलुओं पर जोर
आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा को लेकर 22 नवंबर को नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान की मौजूदगी में नए सिरे से एमओयू होने के बाद अब इस दिशा में कामकाज भी शुरू हो गया है. इसमें एम्स की तरह मरीजों की जांच, इलाज की सुविधा देने से लेकर पठन-पाठन, शोध और अन्ये सभी पहलुओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है. एमओयू की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आईएमएस से जुड़े विभागों में जरूरत के हिसाब से कार्ययोजना बनवाई जा रही है;इधर, आईएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार भी विभागों के अध्यक्ष, संकाय प्रमुख सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के से एम्स की तर्ज पर सुविधाओं को लेकर मंथन कर रहे हैं.
Also Read: महाकुंभ 2025 कार्य और दायित्व की भूमिका में रहेंगे बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता
हर कमेटी की तीन-तीन सब कमेटियां बनीं
एम्स की तर्ज पर कामकाज (मरीजों के इलाज, जांच, विभागों में शोध, कक्षाएं चलाए जाने,अन्य शैक्षणिक सुविधाएं आदि ) सुचारू रूप से कराया जा सके, इसके लिए शैक्षणिक, प्रशासनिक कामकाज, वित्तीय कामकाज, स्वास्थ्य सुविधा, छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों की सुविधाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं की अलग-अलग कमेटियां बनाई जा रही हैं. हर कमेटी के पास तीन-तीन सब कमेटियां हैं. इस तरह की नई पहल से जहां आवेदनों का समय से निस्तारण होगा, वहीं किसी तरह की गड़बड़ी भी नहीं होने पाएगी.