दिग्विजय सिंह के दस सवालों का एक जवाब, पीएम मोदी ‘फेल’
लोकसभा चुनाव में भोपाल से कांग्रेस के प्रत्याशी और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पीएम मोदी से दस दिन में दस सवाल पूछेंगे। इसी कड़ी में उन्होंने पहले ही दिन बुधवार को अपने सवालों से पीएम मोदी को घेर लिया। बता दें कि उनके सवाल खुद एक जवाब जैसे थे, जो पीएम मोदी को उनके पांच सालों के कार्यकाल में फेल बता रहे हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ‘दस दिन में दस सवाल’ की शुरुआत बुधवार से की। वहीं गुरूवार सुबह से ही उन्होंने पीएम मोदी के लिए सवालों की झड़ी लगा दी।
‘क्या चौकीदार भ्रष्टाचारियों का रखवाला बन बैठा है? ‘
उन्होंने अपना पहला सवाल पीएम मोदी के उस बयान पर किया, जिसमे पीएम मोदी ने कहा था कि ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’। दिग्विजय सिंह ने इस बयान को राफेल, पीएनबी घोटाला, नीरव मोदी, विजय माल्या से जोड़ कर सवाल किया, ‘क्या चौकीदार भ्रष्टाचारियों का रखवाला बन बैठा है? ‘
प्रश्न 2:
मोदी सरकार ने राफेल विमान सौदे में 'उद्योगपति मित्र' की कंपनी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से ‘समझौता’ किया। कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी बार बार पूछ रहे हैं कि पांच सौ करोड़ के विमान 1600 करोड़ में क्यों खरीदे? यह डील क्यों हुई, कब हुई, कैसे हुई, क्या हुई?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 9, 2019
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राफेल सौदे पर सवाल:
वहीं दूसरे सवाल में उन्होंने राफेल विमान सौदे को लेकर सवाल किया कि पांच सौ करोड़ के विमान का सौदा 1600 करोड़ में क्यों किया? यह डील क्यों, कब, कैसे और क्या हुई?
नोटबंदी के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा संचालित बैंकों में पैसा जमा कराने को लेकर सवाल:
दिग्विजय सिंह ने नोटबंदी के दौरान अमित शाह के सहकारी बैंक में दस दिनों में 745 करोड़ रूपए जमा कराने, वहीं गुजरात में भाजपा नेताओं द्वारा संचालित 11 बैंकों में 3118 करोड़ से अधिक रुपये जमा कराने को लेकर सवाल किया और निष्पक्ष जांच क्यों न होने के बाद में पूछा।
प्रश्न 4:
पीएनबी में 11 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला आपके राज में हुआ। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को विदेश भाग जाने दिया गया। वादा तो विदेशों से काला धन वापस लाने का था। आपके दोस्त तो फ्रॉड कर यहां का पैसा लेकर विदेश भाग गए। यह कैसी चौकीदारी?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 9, 2019
काला धन लाने के बदले पीएनवी घोटालेबाजों को विदेश जाने दिया :
पीएनबी में 11 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के विदेश भागने और काला धन विदेशों से वापस लाने जैसे वादों पर पीएम मोदी को घेरते हुए सवाल किया और पूछा कि ये कैसी चौकीदारी?
विजय माल्या को भारत क्यों नहीं लाया गया अब तक?
विजय माल्या सरकारी बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया। दो साल बाद भी उसे भारत वापस न ला पाना कैसी सफलता?
प्रश्न 6:
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले 80 से अधिक whistleblowers/RTI activist की हत्या के मामलों में समयबद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
Whistleblowers Protection Act को क्यों पास नहीं किया, जो भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को क़ानूनी संरक्षण देने के लिए था?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 9, 2019
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को कानूनी संरक्षण देने का कानून क्यों नहीं हुआ पास?
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले 80 से अधिक आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या में कार्रवाई क्यों नहीं हुई? Whistleblowers Protection Act क्यों नहीं हुआ पास?
खदानों के बदले भाजपा ने पैसा लिया?
कच्चे लोहे और अयस्कों की बिना आंकलन कीमत बढ़ाने और अपनी जेब भरने के लिए चार लाख करोड़ का नुकसान करने को लेकर सवाल? दिग्विजय सिंह ने पूछा कि क्या खदानों के बदले भाजपा ने पैसा लिया?
प्रश्न 8:
48 रहस्यमयी मौत ,2500 से ज़्यादा आरोपी, 2000 से ज्यादा गिरफ्तारियां, अफसर से लेकर मंत्रियों तक की संलिप्तता वाले मप्र के व्यापमं घोटाले की CBI जांच संदिग्ध क्यों है? रसूखदार आरोपी एक के बाद एक कैसे छूटे? हम तो जाँच कर ही रहे हैं अब, आप ने न्याय क्यों नहीं किया?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 9, 2019
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व्यापम खोटाले पर सवाल?
एमपी के व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच संदिग्ध क्यों? रसूखदार आरोपियों के छूटने पर सवाल? न्याय न करने पर किया एमपी में तत्कालीन भाजपा सरकार से सवाल?
एमपी में तीन हजार करोड़ का ई- टेंडर घोटाला
एमपी में तीन हजार करोड़ के ई- टेंडर घोटाले में भाजपा सरकार के कई मंत्री जांच के घेरे में, ऐसे में चौकीदार सोता क्यों रहा?
प्रश्न 10:
राजनीतिक विरोधियों पर ख़ूब आरोप लगाए, उनके पीछे सभी एजेन्सी छोड़ दी। ‘रेड राज’ बना दिया। पर उनमें से जो भी कथित भ्रष्टाचार आरोपी भाजपा में शामिल हो गया, रातों रात बेगुनाह, दूध का धुला हो गया? भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई ऐसे होती है? क्या यही आपका क़ानून का राज है?— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 9, 2019
विपक्षी दलों के कथित भ्रष्टाचारी नेता भाजपा में सामिल होते ही कैसे हुए बेगुनाह?
विपक्षियों पर आरोप लगाये, जांच एजेंसियां लगा दी लेकिन उन्हें दलों के कथित भ्रष्टाचारी आरोपी भाजपा में शामिल हुए तो बेगुनाह और दूध के धुले कैसे हो गये? भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई ऐसे होती है? क्या यही आपका क़ानून का राज है?
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