धर्मसम्राट का प्राकट्योत्सवः काशी में एक पखवाड़े तक चहकेगा धर्मसंध परिसर
वाराणसीः धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के 117 वें प्राकट्योत्सव पर उनकी तपोस्थली धर्मसंघ (मणि मंदिर), दुर्गाकुण्ड इस बार 15 दिनों तक विविध आयोजनों से दमकता रहेगा. आयोजन 3 अगस्त से प्रारंभ होकर 14 अगस्त तक पूरे एक पखवाड़े तक चलेंगे. मुख्य आयोजन 6 अगस्त को करपात्र प्राकट्य दिवस के दिन अतिविशिष्ट करपात्र रत्न सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा.
करपात्र दीपावली का होगा आयोजन
बताया गया कि रत्न समारोह से एक दिन पूर्व 5 अगस्त को सायंकाल करपात्र दीपावली का आयोजन किया जाएगा जिसमें इस वर्ष 42 हजार 705 दिए जलाए जाएंगे. उक्त जानकारी रविवार को धर्मसंघ ने आयोजित एक पत्रकार वार्ता में धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वानी शंकरदेव चौतन्य ब्रहाचारी जी महाराज ने दी. उन्होंने बताया कि 31 जुलाई से 6 अगस्त तक प्रागण में वृंदावन के ब्रजनदन जी महाराज के श्रीमुख से श्री शिव महापुरण की कथा कहीं जाएगी. इसके उपरांत 7 अगस्त से 13 अगस्त तक प्रख्यात कथा मर्मज्ञ सुधीरानंद जी नहाराज द्वारा श्री राम कथा का रसपान कराया जाएगा.
प्राकट्योत्सव का समापन 14 अगस्त को श्री गौरी केदारेश्वर जलाभिषेक यात्रा के साथ होगा. उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को प्राकट्य दिवस के दिन धर्मसंघ में सुबह से ही अखण्ड भण्डारे का आयोजन होगा जो देर रात तक अनवरत चलता रहेगा. इसमे हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई है.
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भक्तों के लिए रहने खाने का है प्रबंध
धर्मसघ के महामंत्री पण्डित जगजीतन पाण्डेय ने बताया कि आयोजन की तैयारियां जोरो पर है. इस आयोजन में बाहर से आने वाले भक्तों के लिए रहने व खाने का संपूर्ण प्रबंध किया गया है. जानकारी दी कि 6 अगस्त को मिलने वाले करपात्र रत्न एवं करपात्र गौरव के लिए नामों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी.