डीजीपी ओपी सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस की व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसी के चलते कोमा में पड़े पुलिसकर्मियों के साथ वेतन को लेकर होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए डीजीपी(DGP) ने खुद पहल की है। इस पहल के तहत उन्होंने शासन को ये प्रस्ताव भेजा है कि अगर कर्तव्य पालन के दौरान गंभीर दुर्घटना की वजह से कोई पुलिसकर्मी कोमा में चला जाता है तो उसके परिवार को पूरा वेतन दिया जाए ताकि, दुर्घटना का असर पुलिसकर्मी के परिवार पर न पड़े।
इस घटना के बाद डीजीपी ने भेजा प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक, विगत सात जनवरी, 2009 को कानपुर देहात में तैनात कांस्टेबल वरुण कुमार मिश्र व जितेंद्र सिंह पुलिस लाइन से महत्वपूर्ण डाक लेकर कानपुर नगर/मेरठ के लिए बाइक से रवाना हुए थे। रास्ते में कस्बा जौनपुर में अनियंत्रित ट्रक ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी।
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हादसे में सिपाही वरुण कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से घायल सिपाही जितेंद्र कुमार को उपचार के लिए पीजीआई, लखनऊ रेफर कर दिया गया था। हादसे के बाद से सिपाही जितेंद्र कुमार लगातार कोमा में चल रहे हैं।
ताकि, परिवार को न करना पड़े दिक्कतों का सामना
फ़िलहाल तो कोमा में चल रहे सिपाही जितेंद्र कुमार के परिवार को असाधारण पेंशन मिल रही है। पर, अब डीजीपी ने शासन को ये प्रस्ताव भेजा है कि अगर किसी भी पुलिसकर्मी पर इस तरह की विपदा आ जाए तो उसके परिवार को पूरा वेतन दिया जाए, ताकि परिवार को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।