हनुमान जयंती विशेष : इस मंदिर में ‘डॉक्टर’ बनकर इलाज करते हैं बजरंग बली
आज यानी 11 अप्रैल को संकट मोचन हनुमान जी की जयंती है। बजरंगबली की जयंती पर हम आपको उनके एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां न केवल उनकी आराधना होती है बल्कि उन्हें डॉक्टर की उपाधि भी मिली है। भक्त हनुमान जी के सामने अपने तमाम संकट लेकर पहुंचते हैं और उनसे अपनी गुहार लगाते हैं।
डॉक्टर बनकर आए थे बजरंग बली !
इस मंदिर की मान्यता है कि हनुमान जी स्वयं अपने एक भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर पहुंचे थे। इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। भक्तों का मानना है कि, डॉ. हनुमान के पास सभी प्रकार के रोगों का इलाज है।
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जटिल बिमारियां हो जाती हैं ठीक !
इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि एक साधु को कैंसर था। उसे हनुमान जी ने मंदिर में डॉक्टर के वेश में दर्शन दिए थे। वे गर्दन में आला डाले थे, जिसके बाद साधु पूरी तरह स्वस्थ हो गया। माना जाता है कि रोगों के लिए हनुमान जी की भभूत कारगर है। विशेष रूप में फोड़ा, अल्सर और कैंसर जैसी बीमारियां भी मंदिर की पांच परिक्रमा करने पर ठीक हो जाती हैं।
मध्यप्रदेश के भिंड जिले में है मंदिर
यह मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर से करीब 70 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे भिंड जिले के दंदरौआ सरकार धाम में है। यहां डॉक्टर हनुमान के पास अच्छी सेहत की उम्मीद लेकर लाखों श्रद्धालु जुटते है। 300 साल पहले हनुमानजी की यह मूर्ति नीम के पेड़ से छिपी थी। पेड़ को काटने पर गोपी वेषधारी हनुमान जी की ये प्राचीन मूर्ति प्राप्त हुई थीं। तब से मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू की गई। यहां हनुमान जी की जो मूर्ति है वो नृत्य की मुद्रा में है। यह देश की अकेली ऐसी मूर्ति है, जिसमें हनुमान जी को नृत्य करते हुए दिखाया गया है।