देव दीपावली: काशी पहुंचे CM योगी, पहली बार होगा ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन

0

कल यानि 7 नवंबर को भगवान शिव की नगरी काशी (वाराणसी) में देव दीपावली का महाउत्सव मनाया जाने वाला है. सीएम योगी आदित्यनाथ देव दीपावली की तैयारियों का जायजा लेने वाराणसी पहुंच चुके हैं. यहां वो देव दीपावली और ‘तमिल संगमम’ की तैयारियों के अलावा विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा कालभैरव मंदिर व काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद रात में लखनऊ रवाना हो जाएंगे.

Varanasi Dev Deepawali
Varanasi Dev Deepawali

 

वहीं, काशी के सभी घाटों को लाखों दीयों से रौशन किया गया है और पूरे शहर को सुसज्जित किया गया है. बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक नजारा देखने के लिए वाराणसी पहुंचते हैं. बता दें कार्तिक मास में हर साल देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इसे त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसकी खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है.

उधर, भव्य और दिव्य काशी की देव दीपावली को नव्य स्वरूप देने के लिए शासन-प्रशासन ने ताकत झोंक रखी है. पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. नगर निगम ने कचहरी, तेलियाबाग, संत अतुलानंद, मलदहिया, गोदौलिया, मैदागिन समेत 26 प्रमुख चौराहों को आकर्षक सतरंगी झालरों से सजा दिया है.

Varanasi Dev Deepawali
Varanasi Dev Deepawali

 

गंगा किनारे खिड़किया घाट से लेकर रविदास घाट के बीच सभी 88 घाटों के बगल के भवनों को आकर्षक झालरों से सजाया गया है. इस बार काशी के घाट, कुंड और सरोवरों पर 21 लाख दीपों की रोशनी की आभा दीप मालिकाओं का स्वर्णिम संसार रचेगी. काशी समेत देश-विदेश की जनता इस अद्भुत पलों की साक्षी बनेगी.

जिला प्रशासन की ओर से 10 लाख दीप और काशीवासियों के सहयोग से 11 लाख दीपक जलाए जाएंगे. अस्सी घाट से सामनेघाट तक 108 स्थानों पर देव दीपावली महोत्सव होगा. काशी के पंचक्रोशी परिक्रमा पथ के तहत ग्रामीण व शहरी इलाकों में 101 स्थानों पर देव दीपावली महोत्सव का आयोजन पहली बार होगा. अमृत महोत्सव में 75 वर्ष पर रंगोली, चित्र, पोस्टर की सजावट होगी.

Varanasi Dev Deepawali
Varanasi Dev Deepawali

 

काशी-तमिल संगमम…

वाराणसी में पहली बार ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन किया जा रहा है. वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे 1 महीने तक तमिलनाडु के अलग-अलग जगहों से लोग काशी आएंगे और यहां बाबा विश्वनाथ धाम के दीदार के अलावा, गंगा स्नान, सारनाथ, बीएचयू सहित विभिन्न जगहों का भ्रमण कर यहां की संस्कृति और कला को समझेंगे. इसके अलावा तमिलनाडु से आए विभिन्न सांस्कृतिक टोली काशी में अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे.

इसके साथ ही, वहां के हैंडी क्रॉफ्ट प्रोडक्ट की प्रदर्शनी भी यहां लगाई जाएगी. इसके अलावा रविदास घाट पर विभिन्न कार्यक्रम होंगे और वहां के फेमस फूड का जायजा भी यहां चखने को मिलेगा. इन सब से इतर काशी और तमिलनाडु के विद्वान सेमिनार के जरिए दोनों राज्यों के संस्कृति और सभ्यता पर चर्चा कर सभी पहलुओं के बारे में सीखने का एक अनूठा अनुभव होगा. बीएचयू और बड़ा लालपुर स्थित टीएफसी सेंटर में ये आयोजन होंगे.

दो राज्यों की परंपराओं का संगम…

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि ‘काशी-तमिल संगमम’ दो राज्यों की परंपराओं का संगम है और इससे दोनों राज्यों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे. तमिलनाडु के 38 शहरों से 12 ग्रुप इस संगमम में शामिल होंगे. दो-तीन दिन के अंतराल पर ये ग्रुप वाराणसी आएंगे. जिसमें छात्र, विद्वान, व्यापारी, कलाकार, ग्रामीण सहित दूसरे लोग शामिल होंगे. 17 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी जो पूरे 1 महीने तक चलेगा. अलग-अलग दिनों में कई जगह कार्यक्रम होंगे जिससे दोनों राज्यों के रिश्ते और मधुर होंगे. काशी के बाद ये दल प्रयागराज और फिर अयोध्या भी जाएगा.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More