दिल्ली हिंसा : एलएनजेपी अस्पताल में गुरुवार रात से नहीं आया कोई नया मामला
सिलसला अब थम गया है
दिल्ली हिंसा मामले में कोई नया मामला अब सामने नहीं आया है और न ही कोई घायल आया है।
सिलसला अब थम गया है
दिल्ली के उत्तर पूर्व इलाके में 24 और 25 फरवरी को हुई हिंसा के बाद अस्पतालों में घायलों को लाये जाने का सिलसला अब थम गया है। दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल(एलएनजेपी) में गुरुवार रात से कोई भी नया मरीज नहीं लाया गया है।
दंगाइयों ने इस्तेमाल किए हथियार
दिल्ली हिंसा में अब तक मारे जाने वालों की संख्या 38 हो चुकी है और 200 से भी अधिक लोग घायल हैं। पूरी उत्तर पूर्वी दिल्ली में तबाही का मंजर है। ये तबाही करने के लिए दंगाइयों ने तरह-तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिनमें सबसे बड़ा हथियार रही बड़ी गुलेल, जिसे रिक्शे पर बनाया गया था।
दंगाइयों ने इस्तेमाल किए थे 8 हथियार
दिल्ली हिंसा में तबाही मचाने के लिए दंगाइयों ने इस्तेमाल किए थे ये 8 हथियारदिल्ली हिंसा में दंगाइयों ने तरह-तरह के हथियार इस्तेमाल किए। वो हथियार भी, जिनके बारे में आप जानते हैं और वो भी, जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा। ऐसा ही एक हथियार है बड़ी गुलेल, जो दंगाइयों का सबसे बड़ा और अहम हथियार था। एक ऐसी गुलेल है, जिसे यहां से वहां ले जाया जा सकता है, तो एक दूसरी ऐसी बड़ी गुलेल है, जिसे छतों पर फंसाया गया था। बता दें कि ताहिर हुसैन की छत पर से भी ऐसे ही गुलेल का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया जा रहा है। इस गुलेल की तस्वीरें ट्विटर पर भी खूब शेयर हो रही हैं। इसके अलावा भी दंगाइयों ने कई तरह के हथियार इस्तेमाल किए। बता दें कि अब तक हिंसा में मारे जाने वालों की संख्या 39 हो चुकी है और 200 से भी अधिक लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कहीं नालों से शव बरामद हो रहे हैं, तो कहीं जले हुए घर और गाड़ियों से लाशें मिल रही हैं। इतनी तबाही मचाने के लिए दंगाइयों ने एक नहीं, बल्कि कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया।
शिव विहार इलाके में मिली गुलेल
दिल्ली के शिव विहार इलाके में मिली ये गुलेल एक रिक्शे पर लोहे के एंगल को वेल्डिंग कर के बनाई गई थी। जिस तरह छोटी गुलेल से मामूली गिट्टियां चलाई जाती हैं, ठीक वैसे ही इस बड़ी गुलेल से पेट्रोल बम की बोतलें, बड़े-बड़े पत्थर या और भी चीजें फेंकी जा सकती हैं। यानी किसी भारी चीज को दूर तक फेंकने के लिए ये गुलेल बनाई गई, वो भी रिक्शे के ऊपर। यानी मोबाइल गुलेल, जिसे जहां चाहे, वहां ले जाया जा सके और घटना को अंजाम दिया जा सके।