पिता ने बेटे को गोली से उड़ाया, 33 साल पहले की थी पत्नी की हत्या

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रोहिणी इलाके में शराब को लेकर हुए झगड़े में एक शख्स ने बेटे को गोली से उड़ा दिया। इसी शख्स ने अब से करीब 33 साल पहले मां की भी हत्या की थी। उस हत्याकांड में भी आरोपी कई साल तक जेल में बंद रहा। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

रोहिणी जिले के डीसीपी प्रमोद कुमार मिश्रा ने बुधवार को घटना की पुष्टि की है। डीसीपी के मुताबिक, ‘बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार शख्स का नाम ओमपाल सिंह उर्फ भूषण (60) है। ओमपाल ने जिस बेटे की गोली मारकर हत्या की उसका नाम बलबीर सिंह (28) है। हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल जब्त कर ली गयी है। कत्ल में इस्तेमाल पिस्तौल का लाइसेंस जिला गौतमबुद्ध नगर से जारी हुआ था। हांलांकि इस बारे में अभी और भी पुख्ता तथ्य जुटाये जा रहे हैं।’

लाइसेंसी पिस्तौल से बेटे को उड़ाया-

डीसीपी के मुताबिक, ‘घटना वाली रात यानि मंगलवार देर रात ओमपाल सिंह के घर में पांचो संतान और पत्नी मौजूद थीं। पत्नी ने ओमपाल सिंह के शराब पीकर घर में घुसने का विरोध किया। यह बात ओमपाल को नागवार गुजरी। माता-पिता के बीच झगड़ा होते देख बेटे बलबीर ने पिता को रोकना चाह। पिता को बेटे का बीच बचाव करना बुरा लग। गुस्से में वो घर में रखी अपनी लाइसेंसी पिस्तौल लाया, और क्लोज रेंज से बेटे बलबीर को गोली मार दी। बलबीर की ठौर मौत हो गयी।’

सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी। पुलिस ने आरोपी को पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर लिया है। बलबीर सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

शराब पीकर माहौल खराब करता था आरोपी-

डीसीपी के प्रमोद कुमार मिश्रा ने मुताबिक, ‘बेटे की हत्या का आरोपी ओमपाल सिंह रिठाला गांव में मौजूद अपनी प्रॉपर्टी के किराये से परिवार चलाता था। जबकि उसके हाथों मारा गया उसका बेटा बलबवीर सिंह एक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था। लॉकडाउन के कारण दो महीने से बेटा बलबीर घर में ही था। बलबीर अक्सर शराब पीकर घर का माहौल खराब करता था। इसी बात पर घर में ओमपाल सिंह का संतान और पत्नी से भी कलेश होता रहता था।’

डीसीपी ने बुधवार को आगे बताया, ‘बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार ओमपाल सिंह ने सन 1987 में मां की भी हत्या चाकू घोंपकर कर दी थी। उस वक्त मामला मंगोलपुरी थाने में दर्ज हुआ था। तब परिवार वालों की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मदद के चलते आरोपी मां की हत्या के आरोप में सजायाफ्ता होने से बच गया था। हांलांकि वो काफी समय तक जेल में बंद रहा था।’

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