दिल्ली पुलिस का बड़ा दावा, मोहम्मद जुबैर को पाकिस्तान और सीरिया से मिली फंडिंग

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दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान पुलिस ने दावे से कहा कि जुबैर को पाकिस्तान और सीरिया से फंडिंग हुई हैं. जुबैर ने एफआईआर दर्ज होने के बाद अपने मोबाइल का डाटा डिलिट किया है. इसके जवाब में जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा फोन फॉर्मेट करना गैरकानूनी नहीं है.

दरअसल, पटियाला कोर्ट में मोहम्मद जुबैर की जमानत पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा ‘जुबैर को पाकिस्तान और सीरिया ने चंदा मिला है. इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए यह मामला सिर्फ एक सिंपल ट्वीट करने का नहीं है. आरोपी प्रावदा मीडिया का निदेशक है. उसने बड़ी ही चालाकी से सब कुछ डिलीट कर दिया. ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जानी चाहिए. उसने एफआईआर के बाद फोन से डाटा डिलीट किया है.’

Asjad shanu's tweet - "Mohammed Zubair is a Shining Example of Journalism  WITHOUT Fear or Favour ! India Needs BRAVE Journalists like Zubair.💪💪  More power to you @zoo_bear. #IStandWithZubair  #Stopinsulting_ProphetMuhammad #الا_رسول_الله_يا_مودي ...

उधर, जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा ‘मुझे एफआईआर और मोबाइल जमा नहीं करने के बारे में पता नहीं था. फोन को फॉर्मेट करना गैरकानूनी नहीं है. यह हथियार या गोला-बारूद या कोई ड्रग्स नहीं है. मैं इस पर गंभीर कानूनी और संवैधानिक आपत्तियां दर्ज कर सकती हूं.’

इससे पहले वृंदा ने कहा था ‘दिल्ली पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क जब्त कर लिए हैं. लेकिन, पुलिस को अभी इस मामले में कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं. पुलिस सिर्फ मामले को लंबा खींचना चाहती है. पुलिस कि सारी कहानी मनगढ़ंत है. यह पूरी कहानी साल 2018 की है और वह भी एक पुराने ट्वीट का मामला है. दिल्ली पुलिस इस मामले को लेकर कहीं और जा रही है.’

वहीं पुलिस का कहना है ‘जुबैर को जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो वे अपना फोन लेकर आए थे. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि वह उस दिन से पहले एक और सिम का इस्तेमाल कर रहे थे. जिसे नोटिस मिलने पर उन्होंने निकालकर नए मोबाइल में डाल दिया. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.’ पुलिस कोर्ट में जुबैर की कस्टडी के लिए एप्लीकेशन दाखिल कर सकती है.

Mohammed Zubair: जानिए कौन हैं मोहम्मद जुबैर, जिनके खिलाफ हाई कोर्ट ने FIR  रद्द करने से किया इनकार - know who is mohammad zubair against whom high  court refused to quash the

बता दें पुलिस ने जुबैर को 14 दिन न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है. इसके अलावा पुलिस ने उनपर दर्ज एफआईआर में आईपीसी की और धाराएं जोड़ी हैं. जिनमें आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के साथ ही एफसीआरए की धारा 35 को भी जोड़ा गया.

जुबैर के केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो सकती है क्योंकि पुलिस ने उनके बैंक खातों की जानकारी ईडी को दी है। एफआईआर की कॉपी भी ईडी को भेजी गई है. बताया जा रहा है कि उनके अकाउंट में पिछले तीन महीने में करीब 56 लाख रुपए आए हैं. इन पैसों के पाकिस्तान और सऊदी अरब से आने की आशंका है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने जुबैर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में 27 जून को गिरफ्तार किया था.

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