राधे मां को कुर्सी पर बैठा कर नप गये ‘थानेदार’

0

दिल्ली पुलिस स्वघोषित देवी राधे मां के यहां एक पुलिस थाने में थाना प्रभारी (एसएचओ) की कुर्सी पर बैठने के मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस उपायुक्त नुपूर प्रसाद ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार थाने के थाना प्रभारी संजय शर्मा की कुर्सी पर राधे मां के बैठे होने की एक तस्वीर सामने आने के बाद संजय के इस ‘गैर पेशेवर आचरण’ की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

also read : अगर आप फिट हैं तो हिट हैं : सहवाग

राधे मां के पास एक पुलिस अधिकारी हाथ जोड़े खड़ा है

प्रसाद ने कहा कि जब तक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त द्वारा की जा रही जांच खत्म नहीं हो जाती, तब तक एसएचओ को किसी अन्य विभाग को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। प्रसाद ने कहा कि तस्वीर में यह भी दिख रहा है कि राधे मां के पास एक पुलिस अधिकारी हाथ जोड़े खड़ा है।

also read : भाजपा कहती कुछ है और करती कुछ और ही है : अखिलेश

एसएचओ को आशीर्वाद स्वरूप एक लाल रंग की चुनरी भी दी

 

पूरा मामला दिल्ली के विवेक विहार थाने का है। 5 अक्टूबर की सुबह जब सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे माँ दिल्ली के विवेक विहार थाने में पहुंची तो थाने के एसएचओ ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया। इसके साथ ही एक गुरु माँ को जिस तरह सम्मानित किया जाता है राधे माँ को भी वैसे ही सम्मानित किया गया।इससे खुश होकर राधे मां  ने  एसएचओ को आशीर्वाद स्वरूप एक लाल रंग की चुनरी भी दी।

also read : अपनाएं ये तरीके..मुंहासे नहीं छीनेंगे आपकी खूबसुरती

कौन हैं राधे माँ

राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर हैं। राधे मां की शादी 18 साल की उम्र में मुकेरिया के मनमोहन सिंह से हुई थी। शादी के बाद राधे मां के पति कतर की राजधानी दोहा में नौकरी के लिए चले गए। बदहाली की हालत में सुखविंदर ने लोगों के कपड़े सिलकर गुजारा किया।21 साल की उम्र में वे महंत रामाधीन परमहंस के शरण में जा पहुंचीं। परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी और इसके साथ ही उन्हें नाम दिया राधे मां।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More