मकान मालिक ने निकाला, सिपाहियों ने किस्मत का ताला खोला
नई दिल्ली: पांच सौ किलोमीटर दूर मेहनत मजदूरी करके पेट पालने दिल्ली आए गरीब परिवार को मकान मालिक ने निकाल कर बाहर कर दिया। मकान मालिक ने, लाख मिन्नतों के बाद भी बेसहारा गरीब परिवार पर रहम नहीं खाया। मकान मालिक की दबंगई से आतंकित परदेसी गरीब परिवार का मुखिया परिवार की महिलाओं के साथ सड़क पर आ गया गोद में मय मासूम बच्चों और सिर पर सामान की गठरियां लटकाए हुए।
यह घटना गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कोटला मुबारकपुर थाना क्षेत्र में देखने को मिली। घटनाक्रम के मुताबिक, पीड़ित परिवार का मुखिया मय बच्चों के परिवार के सात लोगों के साथ पैदल ही चलकर बारापुला फ्लाईओवर पर आ पहुंचा। उसी दौरान लॉकडाउन ड्यूटी/गश्त करते हुए बारापुला फ्लाईओवर पर कोटला मुबारकपुर थाने के पुलिसकर्मी महावीर समोता, विपुल कुमार और तेजपाल यादव मौके पर पहुंच गए।
पुलिस वालों ने सुनसान सड़क पर छोटे बच्चे को पीठ पर और सिर पर सामाना लादे हुए घर के मुखिया और औरतों को रोक लिया। पूछताछ के दौरान पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्हें मकान मालिक ने निकाल दिया है, क्योंकि परिवार मकान का किराया नहीं चुका पाया था। चूंकि लॉकडाउन और कोरोना की त्रासदी में उन्हें दिल्ली में कोई शरण देने वाला नहीं मिला, लिहाजा वे सब यूपी के हरदोई जिले में स्थित (दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर) अपने गांव के लिए पैदल ही चल पड़े।
पुलिस वालों ने जब हकीकत जानी तो उन्होंने सबसे पहले पीड़ित परिवार के मकान मालिक को फोन पर ही जमकर हड़काया। पुलिसकर्मियों ने जब उसे जेल भेजने के बारे में बताया, तो मकान मालिक की घिघ्घी बंध गई। कोटला मुबारकपुर थाने के तीनों सिपाहियों ने इसके बाद भी पीड़ित परिवार को ऐसा नहीं कि मकान मालिक से कह सुनकर वापस भेज दिया।
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तीनों पुलिसकर्मियों ने पीड़ित परिवार के मुखिया, महिलाओं और साथ मौजूद बेहाल बच्चे को खाना खिलवाया। साथ ले जाने के लिए पानी का बंदोबस्त भी किया। इसके बाद कोटला मुबारकपुर थाने के जवानों ने सूझबूझ, धैर्य और मानवता का परिचय देते हुए डीटीसी बस का इंतजाम किया। डीटीसी बस में बैठाकर पीड़ित परिवार को बारापुला फ्लाईओवर से करीब 15 किलोमीटर दूर पंखा रोड इलाके में स्थित किराये के मकान तक वापस पहुंचाया।
पुलिस वालों की सख्ती से बेरहम मकान मालिक बुरी तरह हलकान हो चुका था। पुलिस और कानूनी पचड़ों से बचने के चक्कर में मकान मालिक ने पीड़ित परिवार के घर वापस पहुंचते ही किराया मांगने की बात तो दूर, पीड़ित परिवार को गैस का सिलेंडर, एक महीने का राशन भी मुहैया करा डाला। जब पड़ोसियों को मकान मालिक के इस क्रूर चेहरे के बारे में पता चला तो गली वालों ने भी उसे खूब कोसा और खरी-खोटी सुनाई। साथ ही पीड़ित गरीब परिवार को रोज की जरू रत का सामान मुहैया करा कर पड़ोसियों ने यह भी कह दिया कि अगर अब मकान मालिक ऐसा कुछ करे तो वे लोग एक आवाज लगा दें।
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