मध्य प्रदेश में नहीं थम रहा मासूमों की मौत का सिलसिला, अगस्त में 24 की मौत
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अब देश के और भी कई राज्यों में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ में तमाम बच्चों ने दम तोड़ दिया तो वहीं अब मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से अगस्त माह में नवजात शिशुओं की मौत के सामने आ रहे आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
अगस्त माह में 24 शिशुओं की मौत
विदिशा में अगस्त माह में 24 शिशुओं की मौत हुई। इससे पहले शहडोल में 36 शिशुओं की मौत का मामला सामने आ चुका है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती किए गए 96 शिशुओं में से अगस्त में 24 शिशुओं की मौत हुई। इनके कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त होने की बात कही जा रही है।
डॉ. संजय खरे के पास नहीं है बच्चों की मौत का ब्यौरा
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे ने बताया कि यह बात सही है कि अगस्त माह में एसएनसीयू में भर्ती किए गए बच्चों की संख्या पिछले महीनों के मुकाबले ज्यादा थी। हालांकि, कितने शिशुओं की मौत हुई, इसका ब्यौरा उनके पास नहीं है।
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डॉ. खरे ने कहा कि जिन शिशुओं की मौत हुई है, उनमें ज्यादातर दूर-दराज से आए थे। जब तक इन शिशुओं को जिला अस्पताल तक लाया जाता है, तब तक उनके स्वास्थ्य में काफी गिरावट आ चुकी होती है, जबकि अस्पताल या संस्थागत प्रसव के शिशुओं को जल्दी और बेहतर उपचार मिल जाता है, जिससे उनकी मौतों की संख्या कम होती है।
इससे पहले शहडोल जिले में अगस्त माह में एसएनसीयू में भर्ती किए गए शिशुओं में से 36 की मौत का मामला सामने आया था। अब विदिशा की स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत सामने आई है।
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