दलित छात्र को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, इस वजह से नहीं हो पाया था आईआईटी में दाखिला
फीस जमा करने में देरी की वजह से उसका दाखिला नही हो पाया
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले दलित छात्र अतुल कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दलित छात्र अतुल को धनबाद आईआईटी में दाखिले का आदेश दिया है. मुजफ्फरनगर के खतौली के रहने वाले छात्र अतुल आईआईटी धनबाद में एडमिशन के लिए क्वालिफाई कर चुका था, लेकिन 17, 5000 रुपए फीस जमा करने में देरी की वजह से उसका दाखिला नही हो पाया था.
फीस भरने में देरी होने पर नहीं मिला प्रवेश
फीस भरने में देरी होने पर अतुल को आईआईटी में दाखिला नही मिल पाया था. सीजेआई डीवाई चंद्रचुड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच की अध्यक्षता वाली बेंच ने अनुच्छेद 142 के तहत मिले शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स की सीट पर एडमिशन देना चाहिए.
कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्र के लिए एक अलग सीट बढ़ाई जाए ताकि दूसरे छात्र के एडमिशन में कोई कठिनाई न आए. कोर्ट ने कहा कि अतुल कुमार जैसे प्रतिभाशाली छात्र जो हाशिए पर स्थित समूह से है. उसे दाखिले के लिए नही रोका जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फीस जमा करने की समय सीमा समाप्त होने पर छात्र को अधर में नही छोड़ा जा सकता है.
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चंदा लेकर जुटाई फीस की रकम
बता दें कि यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले अतुल ने इस साल आईआईटी जेईई की परीक्षा पास की. उसे झारखंड के आईआईटी धनबाद में सीट आवंटित हो गई, लेकिन उसे दाखिले के लिए जरूरी रकम जुटाने में समय लग गया. अतुल के पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. ऐसे में उसने गांव वालों से चंदा लेकर 17500 रुपये की रकम जुटाई. वह ऐसा उसी दिन कर पाया, जब फीस जमा करने की आखिरी समय आ पहुचा था.
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अतुल ने अपनी याचिका में कहा था कि 24 जून को शाम 5 बजे से कुछ पहले फीस जमा करने के लिए बनाया गया पोर्टल हैंग हो गया. इस कारण वह फीस जमा नहीं कर पाया. बाद में फीस जमा करने में असफल रहने को आधार बनाकर उसे आईआईटी धनबाद में दाखिला नही मिला. जिसके बाद अतुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.