साइबर हमलावरों के निशाने पर भारत
इसलिए भारत को अपना बचाव कार्य तेजी से करना होगा। हालांकि, साइबर विशेषज्ञ दिन-रात काम में जुटे रहे पर उन्हें बहुत सफलता सोमवार को भी मिली है, ऐसा नहीं है।
अब माइक्रोसाफ्ट ने भी सोमवार को नयी चेतावनी जारी की। उसका कहना है कि शुक्रवार से शुरू हुए साइबर हमलों को चेतावनी के रूप में लेना होगा। मजे की बात यह कि वर्तमान हमले की जड़ें अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनएसए से जुड़ी हैं। माइक्रोसाफ्ट की चेतावनी है कि सरकारों को साइबर हथियारों के प्रति अपने रुख में तत्काल बदलाव लाना चाहिये।
अभी यह पता नहीं चल पाया है कि फिरौती वायरस का कितना असर रहा है, पर सच यह है कि भारत सहित तमाम देशों ने साइबर एक्सपर्ट को बुलाकर वायरस को निष्क्रिय करने के काम पर लगाया है। यह फिरौती वायरस कंप्यूटर्स में रखी फाइलों पर नियंत्रण कर लेता है और इन्हें लौटाने के बदले फिरौती की मांग करता है। अनेक देशों में फिरौती दी भी जा चुकी है।
माइक्रोसाफ्ट ने बराबर चेतावनी जारी कर कहा है कि कंप्यूटर सिस्टम को देश व सरकारें अपडेट कर लें। ऐसे में जब शुक्रवार को नया हमला हुआ तो उसने इससे निपटने की गति की कटु आलोचना कर डाली। उसने दो साल पहले ही कंप्यूटरों को अपडेट करने को कहा था, पर अब भी अनेक लोग इसी पुराने सिस्टम को ही अपनाये हुए हैं।
इसका परिणाम यह रहा कि लोगों को बेहद चिंताजनक हालत से जूझना पड़ा।माइक्रोसाफ्ट ने बताया कि हमने देखा है कि किस तरह सीआईए की अतिसंवेदनशील सूचनाओं को विकीलीक्स ने चुराया और अब एनएसए से ऐसी ही संवेदनशील सूचनाएं चोरी होने से दुनियाभर में कंप्यूटर्स प्रभावित हुए हैं।
दुनिया भर में हुए इस हमले के बाद माइक्रोसाफ्ट ने मजबूरी ही सही फिरौती वायरस के हमले के बाद विंडोज एक्सपी और विस्टा के लिए एक इमरजेंसी पैच जारी किया है। पर उसका साफ कहना है कि हर बार ऐसे हमलों से बचा पाना उसके लिए संभव नहीं है। कंपनियों, देशों और कंप्यूटरों का इस्तेमाल करने वालों को नये विंडोज सिस्टमों को अपने अपने कंप्यूटरों पर अपलोड करके काम शुरू करना चाहिये ताकि आगे चलकर उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो क्योंकि नये विंडोज सिस्टम में अपडेट्स बराबर ही जारी हो रहे हैं। इनके लिए साइबर विशेषज्ञ लगातार काम करते रहते हैं।
दरअसल, हैकर्स इस अटैक के जरिए सिस्टम को पासवर्ड से लॉक कर देते हैं। भारत इस लिहाज से ज्यादा संवेदनशील इसलिए भी है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में संस्थाएं और लोग विंडोज के पुराने और आउटडेटेड वर्जन का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही देश में नकली सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा है।
अभी तक आंध्र प्रदेश पुलिस, चार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, दो रिटेलर्स, दो बैंक और कुछ अन्य कंपनियां इससे प्रभावित हुई हैं। साइबर हमले को हमें बेहद गंभीरता से लेना होगा।