कुछ भारतीय बैंक खजाने को चूना लगाने में लगे हैं : सुलखान सिंह
दोस्तो, कल एक बड़ी खतरनाक बात मुझे बताई गयी। अपने भारतीय बैंक और कुछ विदेशी बैंक देश का काला धन आपराधिक साजिश करके अपने यहाँ जमा कर रहे हैं और विदेश में यह धन उस देश की मुद्रा में उनके खाते में जमा कर देते हैं।
यह अपराध ऐसे होता है। विदेशों में काम करने वाले करोड़ों लोग भारत में रह रहे अपने परिवारीजन के लिए उस देश की मुद्रा में धनराशि उस देश में बैंक को देते हैं। बैंक इस धनराशि को अपने खाते में जमा कर लेता है। उसके बाद बैंक भारत में जमा किए गए काले धन मे से समतुल्य धनराशि संबंधित परिवारीजन के खाते में NEFT द्वारा ट्रांसफर कर देता है या नकद भुगतान कर देता है। इसी बीच भारत में जमा काले धन के बराबर धन उस देश में वहाँ की मुद्रा मे काले धन वाले के खाते में जमा कर देता है।
इसके दो बड़े नुकसान हैं-
1. विदेशी मुद्रा जो भारत आनी थी वह नहीं आई।
2. देश की पूँजी नाजायज तरीक़े से बाहर चली गई।
यह गम्भीर आर्थिक अपराध है एवं देशद्रोह की श्रेणी में आता है। इसमें होना यह चाहिए कि विदेश से भारत भेजने के लिए जमा धनराशि IMT (International Money Transfer) अथवा FIRC (Foreign Inward Remittance Certificate) के द्वारा भारत आनी चाहिए। भारत में धनराशि प्राप्त करने वाले के खाते में धन आने का श्रोत IMT या FIRC अंकित होना चाहिए। जब बाहर से धन सही तरीके से आयेगा तब यहाँ से काला धन विदेश नहीं जा पायेगा।
अतः मेरा सभी से अनुरोध है कि यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसके पास उसके रिश्तेदार विदेश से धन भेजते हैं तो कृपया उससे कहें कि वे अपने खाते में IMT या FIRC की इन्ट्री चेक करें। यदि धनराशि IMT या FIRC से नहीं बल्कि NEFT से आई है तो तुरंत बैंक मैनेजर को लिखकर दे।अपने पत्र को मैनेजर को रिसीव कराकर कापी अपने पास रखें। अगर बैंक तीन दिन में न ठीक करे तो पुलिस में शिकायत दर्ज करें। इस गम्भीर धोखाधड़ी एवं आर्थिक अपराध को रोकने में देश की सहायता करें और अनजाने में खुद इसमें भागीदार न बने।
(ये लेखक के निजी विचार हैं)
(लेखक उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी हैं। प्रस्तुत लेख उनके फेसबुक वाल से लिया गया है)