BJP प्रत्याशी साक्षी महाराज पर लगे कई गंभीर आरोप

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साल 2019 लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने दोनों हाथों से अपराधियों को टिकट बांटे हैं, क्योंकि उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत से ज्यादा अपराधी द्वारा बनाये गये डर के माहौल पर भरोसा होता है।इसी श्रृंखला में अपने को अन्य दलों से अलग बताने वाली भाजपा का नाम भी शामिल है, जिसमें कई गंभीर अपराधों के आरोप होने के बाद भी भाजपा ने ऐसे प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनके द्वारा बनाये गये डर के माहौल के दम पर वह सत्ता पाने का सपना देख रही हैं।

देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और बिसातें बिछ चुकी हैं। देश के प्रमुख राजनीतिक दल अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुके हैं और चुनावी रणनीतियों समेत जातीय समीकरणों की गणित को समझने में जुटे हुए हैं।

साक्षी महाराज पर दर्ज हैं कई मुकदमें

चौथे चरण में जिन 13 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होने हैं उनमें भी सभी दलों ने अपराधियों और करोड़पतियों पर दांव लगाया है। इस चरण में खुद को औरों से अलग बताने वाली भाजपा सबसे ऊपर है। उन्नाव से उसके प्रत्याशी सच्चिदानंद हरि साक्षी (साक्षी महराज) पर गंभीर मामलों के सर्वाधिक आपराधिक धाराएं दर्ज हैं। उन पर दर्ज चार मामलों में 12 गंभीर धाराएं शामिल हैं।

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अपराधी छवि के नेताओं पर पार्टियों ने लगाया दांव:

राजनीतिक दलों के लिए आम चुनावों में जीत इस कदर अहमियत रखती है कि, पार्टियाँ इसे हासिल करने के लिए किसी आपराधिक छवि वाले नेता को भी टिकट देने से गुरेज नहीं कर रही हैं। राजनीति और गुंडों का रिश्ता बहुत पुराना है। यही कारण है कि देश के प्रमुख और बड़े राजनीतिक दल भी बाहुबली या गैंगस्टर छवि वाले उम्मीदवारों के भरोसे लोकसभा चुनाव 2019 में जीत दर्ज कर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश की सत्ता हथियाना चाहते हैं।

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