गोशाला की नाद में गोबर, बीडीओ व पशु चिकित्सा अधिकारी पर गिरी गाज
जिलाधिकारी ने दो बीडीओ व एक पशु चिकित्सा अधिकारी का रोका वेतन
वाराणसी की गोशालाओं में गोवंशों की देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है. इसकी शिकायत जिलाधिकारी एस राजलिंगम तक पहुंची. उन्होंने गोशालाओं की व्यवस्था परखने के लिए औचक जांच कराई तो कहीं छाया नहीं थी तो कहीं सूखा चारा खिलाया जा रहा था. एक गोशाला में गोवंश की नाद में चारा की जगह सूखा गोबर पड़ा था. जिलाधिकारी ने दो बीडीओ समेत एक पशु चिकित्सा अधिकारी का वेतन रोकने का आदेश दिया है.
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जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने शुक्रवार को कैम्प कार्यालय के सभागार में भूसा क्रय समिति के बैठक की. निर्देशित किया कि इस गर्मी के सीजन में भूसा सस्ते दाम में खरीदा जाए. इसके भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर विकास खण्डों से प्राप्त गोशालाओं सम्बन्धी सूचना जिम्मेदारों की ओर से नहीं दी जा सकी. गोशालाओं की नियमित देखभाल के लिए नोडल अधिकारियों के भ्रमण की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया.
भिटकुरी की गोशाला के नाद में मिला सूखा गोबर
वहीं, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि 28 अप्रैल को भिटकुरी की गोशाला में निरीक्षण के दौरान नाद में सूखा गोबर पाया गया. इस जानकारी पर जिलाधिकारी ने सेवापुरी ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी खरगूपुर का एक दिन का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया. काशी विद्यापीठ ब्लाक के बन्देपुर गोशाला में भी अनियमितता मिलने व बीडीओ के बैठक में अनुपस्थित रहने पर एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने जनपद के सभी गो आश्रय स्थल पर गोवंशों को खिलाने के लिए कम से कम दो माह का भूसा स्टाक रखने के लिए कहा. सभी गोशाला के भूसा की सूचना वहीं के खण्ड विकास अधिकारी व सम्बन्धित पशु चिकित्सा अधिकारी के सयुक्त हस्तक्षर से भेजने का निर्देश दिया गया.
गोवंशों को गर्मी से बचाव के लिए लगाएं तिरपाल
गोशालाओं पर गोवंशों को गर्मी से बचाव के लिए तिरपाल लगाने व गोवंश को कैल्शियम की कमी न हो, इसके लिए पानी में कैल्शिम मिलाकर पिलाने के कहा गया. गो आश्रय स्थल बन्देपुर में गोवंश के लिए हरा चारा खिलाने के लिए वहां पर होमगार्ड के लिए आवंटित जमीन पर लेखपाल या राजस्व विभाग से मिल कर सिंचाई के साधन आदि की व्यवस्था देख कर हरा चारा उगाने का निर्देश दिया गया. सभी गोशाला में गोवंशों को पीने के पानी, प्रर्याप्त मात्रा में पशुओं को रहने के लिए शेड तथा बीमार गोवंश खुले में न रहे, उसके लिए एक अलग शेड बनाकर उपचार करने के कहा गया. इसके अलावा छोटे गोशाला के गोवंश को जहां शिफ्ट किया जाए, वहां पर अतिरिक्त शेड बनाने के लिए सचेत किया गया. सभी गोशाला में नेटवाल ग्रीन तिरपाल लगाने के लिए आदेशित किया गया ताकि गोवंशों को लू से बचाया जा सके. जिलाधिकारी ने कहा कि किसी गोवंश की मृत्यु हो जाने पर उसके मृत शरीर का प्रापर डिस्पोज़ल किया जाए. पुराने गोशाला जो अब बन्द हो गए हैं, वहां के पाइप व शेड को जहां आवश्यकता हो वहां उपयोग में लाया जाए. गोशाला में पानी या अन्य किसी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराने के निर्देश दिए गए.