पहले वारंट लाती थी पुलिस, अब लाती है खाना और दवाई

पुलिस के बारे में आमतौर पर लोगों की धारणा यही रही है कि वे भ्रष्ट व अक्षम व कठोर होते हैं

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पुलिस के बारे में आमतौर पर लोगों की धारणा यही रही है कि वे भ्रष्ट व अक्षम व कठोर होते हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीयों में उनकी छवि बेहद लोकप्रिय व विश्वसनीय बनकर उभरी है। देशभर में किए गए एक सर्वेक्षण के हालिया परिणामों में इस बात का खुलासा हुआ है। पुलिस के प्रति यह विश्वास व बेहतर सोच सभी भौगोलिक क्षेत्रों, आय व शिक्षा स्तरों के साथ-साथ सभी धर्म, जाति व समुदायों में भी देखी गई।

सर्वेक्षण के नतीजों से खुलासा हुआ है कि जिन 18 विभिन्न संस्थानों के बारे में पता लगाया गया, उनमें सबसे अधिक सकारात्मक छवि भारतीय पुलिस की दर्ज की गई है। साल 2018 में महज 29.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ही पुलिस में अपना भरोसा दिखाया था, जबकि साल 2020 में कोरोनावायरस महामारी के दौरान 70 प्रतिशत देशवासियों ने पुलिस में अपना भरोसा जताया है

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बदल रही लोगों की सोच-

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इसके विपरीत, पुलिस में भरोसा न दिखाने वाले लोगों की संख्या में भी व्यापक रूप से कमी आई है। साल 2018 में 28.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि एक संस्था के रूप में पुलिस पर उनका कोई भरोसा ही नहीं है। साल 2020 में कोविड काल में महज 8.1 प्रतिशत भारतीयों की राय यह रही। राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस के प्रति नागरिकों के विश्वास के स्तर में 1.5 प्रतिशत से 61.8 प्रतिशत तक की छलांग देखी गई।

महामारी के इस काल में इंसानों के हित में काम करने वाली पुलिस की नई छवि निरंतर टेलीविजन सहित सोशल मीडिया पर भी दिखाई जा रही है और शायद इसी के चलते लोगों की उनके प्रति सोच बदली है।

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इस संदर्भ में कुछ उदाहरण इस प्रकार से हैं-

उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने वाली तमन्ना मां बनने वाली थीं और वह काफी चिंतित थीं। उनके पति अनिल काम के सिलसिले में हजारों किलोमीटर की दूरी पर नोएडा में थे। लॉकडाउन के चलते अनिल बरेली भी नहीं जा सके। तमन्ना ने आखिरकार एक वीडियो बनाया और इसमें उन्होंने बरेली के एसएसपी को टैग किया, जिन्होंने नोएडा में अपने सह कर्मियों को यह वीडियो फॉरवर्ड किया।

नोएडा के अतिरिक्त डीसीपी रणविजय सिंह ने इसे एक व्यक्तिगत चुनौती के रूप में लिया और यह सुनिश्चित किया कि यात्रा पर प्रतिबंध होने के बावजूद अनिल बिना किसी परेशानी व बाधा के बरेली पहुंच जाए। तमन्ना ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम पुलिस के प्रति आभारी इस माता-पिता ने मोहम्मद रणविजय रखा।

जब पुलिस ने दिया सरप्राइज-

हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक वरिष्ठ नागरिक की आंखों में उस वक्त आंसू छलक पड़े, जब चंडीगढ की पुलिस टीम उनके जन्मदिन के मौके पर केक ले जाकर उन्हें सरप्राइज दिया। इसके बाद एक और मजेदार वीडियो वायरल हुआ, जिसमें चेन्नई की पुलिस ने तालाबंदी होने के बावजूद सड़क पर निकले युवकों को एम्बुलेंस में कोविड-19 के नकली मरीज के पास भेजकर उन्हें खूब डराया।

बांटा राशन-

बेघर लोगों को राशन बांटने के लिए उदय फाउंडेशन के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस के अभियान की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हुई। इसके अलावा मध्य प्रदेश के उमरिया के किसी दूर दराज के इलाके में अकेले रहने वाले बुजुर्गों के घर-घर जाकर जब पुलिस अधीक्षक की ओर से उन्हें आवश्यक सामनों की आपूर्ति की गई, तो पुलिस के प्रति लोगों की सोच में कई गुना अधिक परिवर्तन हुआ।

आपदा की घडी में रक्षा में जुटी पुलिस-

POLICE

कुछ ऐसे ही भावुक कर देने वाले और भी कई वीडियोज सामने आए, जिनमें दिखाया गया कि पुलिस कर्मी इस आपदा की घड़ी में अपना घर-परिवार सबकुछ छोड़कर अपनी जान दांव पर लगाकर आम जनता की रक्षा में जुटे हुए हैं। इन सभी के चलते एक संस्था के रूप में पुलिस की छवि में काफी सुधार आया है। दस साल पहले सी वोटर ने इसी तरह का एक सर्वेक्षण किया, जिसमें सरकार और देश को चलाने वाली संस्थाओं को शामिल कर उन्हें उनके काम के अनुरूप स्थान दिया गया। विश्वसनीयता के मामले में पुलिस इस सूची में सबसे निचले पायदान पर रही थी, जबकि राजनेता नीचे से दूसरे नंबर पर थे।

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