Covid 19 : 46 फीसदी लोग इस महामारी को मान रहे प्रकृति का संदेश
प्रकृति की ओर से एक तरह का संदेश
दुनिया भर में नोवेल कोरोनावायरस Covid 19 के लगातार बढ़ते मामले और इसकी वजह से मरने वालों की संख्या में निरंतर हो रहे इजाफे के बाद करीब 46 फीसदी लोगों को लगता है कि Covid 19 वायरस का प्रकोप लोगों के लिए प्रकृति का एक संदेश है। इसका खुलासा सोमवार को एक सर्वेक्षण में हुआ है।
प्रकृति की ओर से एक तरह का संदेश
26 मार्च और 27 मार्च को आईएएनएस सी-वोटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों से सवाल पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि इस तरह से Covid 19 वायरस का फैलना और पूरी व्यवस्था का अस्थिर हो जाना प्रकृति की ओर से एक तरह का संदेश है।
30 फीसदी ने संदेश के रूप में संकट को खारिज किया
इस पर सर्वेक्षण में शामिल 46.7 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें लगता कि यह प्रकृति से एक तरह का संदेश है, जबकि 30.6 फीसदी ने प्रकृति के संदेश के रूप में इस स्वास्थ्य संकट को खारिज कर दिया।
कुल 22.7 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं और वे नहीं जानते कि यह प्रकृति की ओर से कोई संदेश है या नहीं।
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भारत में 29 लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं
देश में सोमवार को Covid 19 रोगियों की कुल संख्या 1,071 तक पहुं29 लोग अपनी जान भी गवां चुके हैंच चुकी है। इस Covid 19 वायरस की वजह से अभी तक कुल ।
कोरोना के डर से सफाई को लेकर ज्यादा जागरूक हुए भारतीय
दुनिया एक ओर जहां खांसने और छींकने से फैलने वाले घातक कोविड-19 के प्रकोप को झेल रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे समय में 87.2 प्रतिशत भारतीय अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति सतर्क हो गए हैं।
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आईएएनएस/सी-वोटर के इस बाबत कराए गए दूसरे सर्वे में यह बात सामने आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वायरस संक्रमित लार या छींकने पर लार की बूंदों के माध्यम से फैलता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने हाथों को साफ करे और अपनी सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखे।
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