प्रद्युम्न हत्याकांड: नहीं मिली आरोपी स्टूडेंट को जमानत, लगा 21 हजार का जुर्माना
रायन इंटरनैशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न (Pradyumna) हत्याकांड के आरोपी 11वीं क्लास के स्टूडेंट की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने हिरासत में चल रहे आरोपी को राहत देने से तो इनकार किया ही, साथ ही निराधार याचिका लगाकर अदालत का समय खराब करने के लिये 21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और आरोपी के पिता को रकम जमा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में की होगी जिसकी विडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
अदालत की कार्यवाही का दुरुपयोग
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (आरोपी) का आचरण संकेत देता है कि वह अदालत की कार्यवाही का दुरुपयोग कर रहा है। वह निराधार याचिकाओं के जरिये अदालत के कीमती समय को बर्बाद करने में लगा है जिसके चलते अदालत की सात सुनवाई जाया हो गईं।’ अदालत ने कहा कि मौजूदा याचिका दायर करने के पीछे आरोपी का उद्देश्य मौजूदा जांच को भटकाने या जमानत के नाम पर जांच में विलंब करना है। जज ने इस मामले में अपने चैंबर में सुनवाई करने और मीडिया से किसी भी रिपोर्ट में किशोर का नाम नहीं लेने का निर्देश दिया।
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बता दें कि शनिवार को एडीजे जेएस कुंडू की कोर्ट में आरोपी की जमानत याचिका पर एक घंटे तक बहस चली थी। बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया था कि इस मामले में जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के प्रावधानों के मुताबिक, एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं की गई और साथ ही उन्हें जरूरी कागजात मुहैया नहीं कराए गए। इस पर सीबीआई की ओर से कहा गया कि सीआरपीसी के तहत चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा 90 दिन है, क्योंकि आरोपी को जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा वयस्क माना गया है।
आरोपी की जमानत देने से हुआ इनकार
बता दें कि जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने भी आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। पिछले साल 20 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान बोर्ड ने फैसला दिया था कि आरोपी को वयस्क माना जाएगा। बोर्ड ने आरोपी को गुरुग्राम के सेशन कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश दिए था। जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कहा था कि अगर आरोपी दोषी पाया जाता है तो उसे 21 साल का होने तक सुधार गृह में रखा जाएगा। उसके बाद उसे जेल में शिफ्ट किया जा सकता है या जमानत दी जा सकती है। इस बीच आोपी स्टूडेंट को 17 जनवरी तक फरीदाबाद के बाल सुधार गृह में रखा गया है।
(साभार- नवभारत टाइम्स)
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